पटनाः विधानसभा में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के खिलाफ विपक्षी विधायकों ने जबरदस्त हंगामा किया। विपक्षी दलों ने वेल में आकर नारेबाजी की। हंगामा बढ़ता देख सभाध्यक्ष ने कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद जब दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो एक बार फिर विपक्षी दलों ने जबरदस्त हंगामा किया। इस दौरान विपक्षी दलों ने बिल की कॉपी भी फाड़ दी। राजद के विधायक बिरेंद्र वेल में आ गए, जिसकी वजह से एक बार फिर से विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
विपक्षी दलों के हंगामे के बीच ही उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट किसी तरह सदन में रखी। सदन में माहौल इतना गरम था कि डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद की तरफ लपके विपक्षी विधायकों को देखकर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को मार्शल बुलाना पड़ा। सदन में खड़े विपक्षी विधायकों और सत्ता पक्ष के बीच मार्शल खड़े कर दिए गए और भारी हंगामे के बीच किसी तरह तार किशोर प्रसाद ने सीएजी की रिपोर्ट सदन में रखी। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने सीएजी की तरफ से 31 मार्च, 2018 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष का ‘सामान्य, सामाजिक एवं आर्थिक प्रक्षेत्र’ पर तैयार रिपोर्ट सदन में रखा।
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इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर भी एक रिपोर्ट सदन में रखी गई। साल 2018-19 के वित्त लेखे को सदन के पटल पर रखा गया। हालांकि सीएजी की रिपोर्ट पिछले दिनों ही सदन में रखी जानी थी लेकिन बाद में इसे स्थगित कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सशस्त्र पुलिस बल विधेयक काला कानून है और इसे किसी भी हालत में सदन में पास नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार 19 लाख रोजगार देने के वादे सहित जनहित के तमाम मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही।