UPI Transactions: भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली में UPI की हिस्सेदारी 2024 में बढ़कर 83 प्रतिशत हो गई है, जो 2019 में 34 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिपोर्ट में कहा गया है कि समीक्षा अवधि के दौरान RTGS, NEFT, IMPS, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड जैसी अन्य भुगतान प्रणालियों की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत से गिरकर 17 प्रतिशत हो गई है।
Upi Transactions: 246.83 लाख करोड़ का हुआ लेनदेन
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीआई देश की डिजिटल भुगतान प्रणाली को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसका कारण यूपीआई के उपयोग में आसानी है। व्यापक स्तर पर यूपीआई लेनदेन की मात्रा 2018 में 375 करोड़ से बढ़कर 2024 में 17,221 करोड़ हो जाने की उम्मीद है। इस दौरान कुल लेनदेन का मूल्य 5.86 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 246.83 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
UPI ने लेन देन को किया आसान
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों में यूपीआई की मात्रा और मूल्य 89.3 प्रतिशत और 86.5 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ा है। P2P (व्यक्ति-से-व्यक्ति) और P2M (व्यक्ति-से-व्यापारी) दोनों लेनदेन यूपीआई की सुरक्षित और वास्तविक समय भुगतान क्षमताओं का लाभ उठाते हैं, जिससे व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए पारंपरिक और समय लेने वाले तरीकों पर निर्भर हुए बिना वित्तीय लेनदेन करना आसान हो जाता है।
ये भी पढ़ेंः- Upi Transactions: जनवरी से नवंबर तक 15,547 करोड़ रुपये का हुआ यूपीआई लेनदेन
2024 में 208.5 बिलियन लेनदेन दर्ज हुआ
यूपीआई P2M लेनदेन की मात्रा यूपीआई P2P लेनदेन की मात्रा से अधिक हो गई है। हालांकि, यूपीआई पी2एम लेनदेन अभी भी मूल्य में यूपीआई पी2एम लेनदेन से अधिक है। यूपीआई की जबरदस्त वृद्धि और अधिक डिजिटल भुगतान विकल्प उपलब्ध होने के साथ भारत में डिजिटल भुगतान में पिछले कुछ वर्षों में मजबूत वृद्धि देखी गई है। अकेले 2024 में भारत में 208.5 बिलियन डिजिटल भुगतान लेनदेन दर्ज किए गए।