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UP: महाकुम्भ भव्य बनाने को UPSRTC ने कसी कमर, खरीदेगा पांच हजार नई बसें

लखनऊः 2025 में प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन तट पर होने वाले दुनिया के सबसे बड़े आयोजन महाकुम्भ को भव्य बनाने के लिए योगी सरकार ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) ने भी कमर कस ली है। श्रद्धालुओं को आने-जाने में परेशानी न हो, इसके लिए यूपी रोडवेज ने महाकुम्भ से पहले पांच हजार नई बसों को खरीदने की योजना बनाई है। इस कड़ी में मार्च 2023 तक परिवहन विभाग 1575 बसों की खरीद करेगा। इनमें 1200 बसें फ्लीट में भी शामिल कर दी जाएंगी। उल्लेखनीय है कि साल 2025 में प्रयागराज में होने वाला कुम्भ मेला 2019 से भी भव्य आयोजित किए जाने की तैयारी हो रही है। मेले के क्षेत्रफल में भी करीब 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इस बार के कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 40 करोड़ के आसपास पहुंच सकती है। इसी के चलते श्रद्धालुओं को आने-जाने में कोई परेशानी न हो, इसलिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर यूपी रोडवेज की ओर से तैयारियों को अमली जामा पहनाया जा रहा है।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी बसें
यूपी रोडवेज के एमडी संजय कुमार के अनुसार बसों की खरीद को लेकर विभाग ने जो लक्ष्य तय किया है। उसके अनुसार मार्च 2023 तक 1575 बसों की खरीद कर ली जाएगी। इसमें से 1200 बसें फ्लीट में शामिल हो जाएंगी। बाकी बसें अप्रैल-मई में फ्लीट में शामिल होंगी। इसके बाद एक अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के बीच यूपीएसआरटीसी अपने स्रोत से और कुछ शासकीय बजट के सहयोग से दो हजार नई बसें क्रय करेगा। इसके अलावा एक अप्रैल 2024 से लेकर दिसम्बर 2024 तक यानी महाकुंभ से पहले आठ माह में शेष 1500 बसों का भी क्रय कर लिया जाएगा। ये बसें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी। इनमें श्रद्धालुओं का सफर सुविधाजनक और आरामदेह होगा। पांच हजार बसों के क्रय के लिए सरकार को दो हजार करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।

खस्ताहाल बसों को बेचेगा यूपी रोडवेज
यूपी रोडवेज पुरानी और खस्ता हाल हो चुकी बसों को भी बेचने की योजना बना रहा है। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। रोडवेज एमडी संजय कुमार के अनुसार विभाग तेजी से इस दिशा में काम कर रहा है कि उसकी फ्लीट में नई और अत्याधुनिक सुविधाओं वाली बसों की संख्या ज्यादा रहे। अभी फिलहाल रोडवेज की फ्लीट की एवरेज एज 7.6 वर्ष है। इसको किसी भी हाल में घटाकर पांच के नीचे लाने की योजना है। फ्लीट में जो बसें खस्ताहाल हो चुकी हैं, उन्हें योजनाबद्ध तरीके से रूट से हटाया जा रहा है। रोडवेज के इस निर्णय से मुसाफिरों को आरामदायक सफर मिलेगा। साथ ही नई बसें होने से समय पर भी यात्री अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। उल्लेखनीय है कि निगम के बेड़े में अभी 11 हजार 200 बसें हैं। इनमें कई बसें अपनी उम्र पूरी कर चुकी हैं।

लंबी दूरी के यात्रियों को मिलेगी राहत
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप ही महाकुंभ से पहले नई बसों के क्रय की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार ही योजनाबद्ध तरीके से नई बसों को फ्लीट में शामिल किया जा रहा है। 2000 के करीब बसों की खरीद हो चुकी है और जल्द ही ये बसें रूट पर दौड़ने लगेंगी। जो बसें खस्ताहाल हो चुकी हैं, उन्हें एमएसटीसी के माध्यम से नीलाम किया जाएगा। उससे जो राशि प्राप्त होगी, उसका इस्तेमाल भी नई बसों के क्रय में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि महाकुंभ 2025 से पहले नई बसें खरीदने के लिए परिवहन निगम ने जो प्रस्ताव शासन को भेजा था, उसे सरकार ने गंभीरता से लेते हुए इस पर आगे बढ़ाने के निर्देश दिए थे।

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हर रूट पर 10 मिनट पर मिलेगी बस
इन नई बसों का उपयोग विशेष तौर पर लंबी दूरी से यात्रियों को महाकुंभ में लाने के लिए किया जाएगा। इससे बड़ी संख्या में महाकुंभ में आ रहे श्रद्धालुओं की यात्रा आसान होगी। यहां आने जाने के लिए प्रत्येक रूट पर हर 10 मिनट पर बस मिलेंगी। यह बसें यात्रियों को संगम नगरी तक लाने और वापस ले जाने का काम करेंगी।

कुंभ मेले पर 6800 करोड़ रुपये खर्च करेगी योगी सरकार
2019 में 24 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम तट पर डुबकी लगाई थी। उस दौरान योगी सरकार की व्यवस्थाओं से हर कोई गदगद था। वहीं इस बार कुंभ मेला पहले से भी ज्यादा भव्य होने जा रहा है। मेले से लेकर सफर तक सब कुछ लग्जरी नजर आएगा। साल 2019 के महाकुंभ मेले में जहां 4200 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। 2025 में लगने वाले कुंभ मेले के लिए सरकार ने 6800 करोड़ रुपये खर्च करने का बजट रखा है। मेला भी 3700 हेक्टेयर जमीन पर लगाया जाना प्रस्तावित है।

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