फर्रुखाबादः यूपी कई जिलों में तेज बारिश व हवाओं के झोंके ने खेतों में खड़ी फसलों तबाह कर दिया है। गेहूं के खेत ऐसे लग रहे हैं मानो इस फसल पर किसी ने पाटा चला दिया हो। गेहूं की फसल टूट-टूट कर जमीन पर पसर गई है। इस गिरी हुई फसल पर बारिश का पानी गिरने से उस की निचली परत के साथ ही पत्तियां तथा जड़े सड़ने के आसार बनते जा रहे हैं। इसके साथ ही उसकी बालियां भी फंगस लगने से गलने लगी हैं जिसके कारण दाने तबाह हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में पैदावार काफी प्रभावित होगा। ठीक यही हाल रवी की अन्य फसलों का भी हो रहा है।
इसके अलावा कायमगंज क्षेत्र के गांव, एटा जिले के आस-पास के गांवों से कायमगंज के पास के गांव, अताईपुर कटरा, मौर्शीदाबाद, मुदौल, जौनरा कादर, दादपुर सराय, पुरौरी, कंपिल और कंपिल क्षेत्र के अन्य गांव और तराई क्षेत्र के गांव , कुआं खेड़ा, अहमदगंज, विकासखंड शमशाबाद क्षेत्र के भाकुसी गांव सहित पूरे तहसील क्षेत्र कयामगंज में अधिकांश किसान तम्बाकू फसल उगाने वाले हैं. इतने बड़े इलाके में खड़ी तंबाकू की फसल भी बारिश से बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। तंबाकू के पौधे की चौड़ी पत्तियों में छेद दिखने लगे हैं। किसान चिंतित हैं। उनका कहना है कि आलू की बेहद कम कीमतों से आई मंदी से वे उबर भी नहीं पाए थे कि अब बेमौसम बारिश ने उन्हें बर्बाद कर दिया है।
इन परिस्थितियों को देखते हुए मेहनती किसान का कहना है कि अगर उसके पास महंगी खाद, बीज, कृषि उपकरण, सिंचाई के साधन, महंगा डीजल नहीं होता तो उसे बैंकों या अन्य कर्ज देने वाली संस्थाओं या निजी तौर पर कर्ज लेकर इसकी व्यवस्था करनी पड़ती है। अब मौसम की मार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खैर, ऐसे में क्या उम्मीद की जा सकती है कि खर्चे के साथ-साथ उसे अपनी मेहनत का भी फल मिलेगा। ऐसे में अपने भाग्य को कोसता अन्नदाता किसान ईश्वर के सहारे ही भविष्य की ओर देख रहा है।
किसान नारा सिंह कश्यप, अमर सिंह, रवेंद्र सिंह आदि का कहना है कि आलू मंडी के कारण किसान पूरी तरह से बर्बाद हो गया. किसानों को उम्मीद थी कि उनका नुकसान गेहूं और अन्य फसलों से निकल जाएगा, लेकिन यहां पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसान पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। अब अन्नदाता खून के आंसू रो रहा है।
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