परिवहन निगम के अफसरों को किराए पर नहीं मिल रहे वाहन, दो बार निरस्त हो चुका है टेंडर

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लखनऊः उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम के अफसरों को किराए पर वाहन नहीं मिल पा रहे हैं। इसके चलते परिवहन निगम के अफसरों को कार्यालय पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कार सेक्शन की ओर से किराए पर वाहन उपलब्ध कराने के लिए जेम पोर्टल पर तीन बार टेंडर निकाला जा चुका है। वाहन के लिए निकाला गया टेंडर कंपनियों के दिलचस्पी न लेने से दो बार निरस्त भी हो चुका है, वहीं तीसरी बार निकाले गए टेंडर के बाद कंपनी तो मिल गई लेकिन उक्त कंपनी फिलहाल वाहन नहीं उपलब्ध करा पा रही है।

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कंपनी ने नए वाहन उपलब्ध कराने के लिए समय मांगा है, जबकि निगम मुख्यालय के अफसरों को वाहन की तत्काल जरूरत है। समय से वाहन उपलब्ध न होने से कार सेक्शन के साथ-साथ परिवहन निगम मुख्यालय के अफसरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं उक्त कंपनी के वाहन न उपलब्ध करा पाने की दशा में दोबारा टेंडर निकालना पड़ेगा। इसकी प्रक्रिया काफी लंबी है। इस बात को लेकर भी अफसर काफी परेशान हैं। अब वाहन के लिए जिस कंपनी से करार हुआ है उससे जल्द वाहन उपलब्ध कराने की जद्दोजहद की जा रही है।

परिवाहन

जेम पोर्टल के नियम से बढ़ी मुश्किलें

कार सेक्शन के इंचार्ज आरएन वर्मा के मुताबिक, वाहनों के लिए मैक्स ट्रैवेल्स कंपनी से करार किया गया है। जेम पोर्टल पर टेंडर के जरिए अनुबंध किया गया है। जेम पोर्टल के नियमों के मुताबिक, वाहन उपलब्ध कराने के लिए कंपनी को करार अवधि से एक माह का समय निर्धारित किया गया है, जबकि निगम में तत्काल वाहनों की जरूरत है। ऐसे में जल्द वाहन न मिल पाने में कहीं न कहीं यह नियम भी आड़े आ रहा है।

किराए का कम रेट भी बनी वजह

टेंडर की नियम शर्तों के तहत जो कंपनी सबसे कम रेट में गाड़ी उपलब्ध कराएगी, उसके साथ करार किया जाता है। हाल के दिनों में डीजल-पेट्रोल की बढ़ी कीमतों ने वाहन के ईंधन खर्च को बढ़ा दिया है। वहीं जिस कंपनी के साथ करार किया गया है उसने कम रेट डालकर टेंडर तो हासिल कर लिया, मगर उस दर पर वाहन खर्च निकाल पाना बहुत मुश्किल होगा। वाहन न उपलब्ध करा पाने के पीछे यह भी बड़ी वजह बताई जा रही है। नई गाड़ियों का अनुबंध करीब 29 हजार रुपए के रेट पर किया गया है, जबकि इसके पूर्व की गाड़ियों का अनुबंध प्रति माह 35 हजार से अधिक का था। उस दौरान ईंधन खर्च भी आज के मुकाबले काफी कम था, ऐसे में कम दर पर कंपनी किस प्रकार वाहन उपलब्ध करा पाएगी यह देखने वाली बात होगी।

5 गाड़ियों के लिए हुआ है टेंडर

परिवहन निगम मुख्यालय पर तैनात अफसरों के लिए 15-16 की संख्या में गाड़ियों की जरूरत है। वर्तमान में 5 गाड़ियों का अनुबंध समाप्त होने के बाद टेंडर प्रक्रिया के जरिए नए वाहनों का करार किया गया है, वहीं 2 और गाड़ियों के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है। नए वाहनों का अनुबंध 3 साल के लिए किया जाता है। इसके बाद एक-एक साल के लिए अनुबंध बढ़ाए जाने का नियम है। अनुबंध किए जाने वाले वाहन के लिए शर्त यह है कि वह 5 साल से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए।

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