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UP Police: वर्दी की मर्यादा तार-तार कर रहे ‘इश्कबाज’ पुलिस वाले, आशिकी के चक्कर में डिप्टी SP बने सिपाही

UP Police, लखनऊः यूपी पुलिस इन दिनों सुर्खियों में हैं और इसकी चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है। एसपी, डिप्टी एसपी से लेकर दारोगा और कांस्टेबल तक, कई अधिकारी “इश्कजादे” बनकर खाकी की मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए कई इश्कबाजी के किस्से लगातार सामने आए हैं, जिन्होंने न सिर्फ आम जनता को हैरान किया है, बल्कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी शर्मसार कर दिया है।

“इश्कबाजी” का जुनून सिर्फ सिपाहियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि IPS अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। उन्नाव के डीएसपी कृपाशंकर कनौजिया अपनी इश्कबाजी के चलते डिमोशन का शिकार हो गए। कभी अपने मातहतों पर रौब गांठने वाले डीएसपी कनौजिया को अब सिपाही बना दिया गया है। एसपी अंकित मित्तल और आगरा के एक दारोगा को भी इश्क फरमाने के मामले में सस्पेंड कर दिया गया है। इन अधिकारियों की प्रेम कहानियां यूपी पुलिस को किसी और वजहों से सुर्खियों में ला रही हैं।

“इश्कबाजी” में वर्दी की गरिमा भूले पुलिसकर्मी

इश्कबाजी का मामला सिर्फ इन कुछ अधिकारियों तक ही सीमित नहीं है। आए दिन ऐसी खबरें सामने आती रहती हैं, जहां पुलिसकर्मी अपनी वर्दी की गरिमा को भूलकर अनुशासनहीनता का प्रदर्शन करते हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या विभाग में कोई कड़े नियम-कायदे नहीं हैं ? क्या अधिकारियों को अपनी इश्कबाजी पर इतनी छूट दी जाती है ? यूपी पुलिस की छवि बिगाड़ने वाले ऐसे अनुशासनहीन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और इश्कबाजी जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े नियमों को लागू करना चाहिए। यह भी ज़रूरी है कि पुलिसकर्मियों को मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन पर भी प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि वो अपनी निजी और पेशेवर जिंदगी में बेहतर संतुलन बना सकें। इश्कबाजी जैसी गतिविधियां न सिर्फ विभाग की छवि को खराब करती हैं, बल्कि कानून व्यवस्था को भी कमजोर करती हैं।

एसपी को भारी पड़ी महिला मित्र की दोस्ती

अंकित मित्तल हरियाणा के सोनीपत में रहने वाले एक आईपीएस अधिकारी हैं, जो 2014 बैच के हैं। उन्होंने गोंडा जिले में भी कप्तान के पद पर काम किया है। उनकी पत्नी सौम्या, जो बाल रोग विशेषज्ञ हैं, यूपी के पूर्व पुलिस महानिदेशक गोपाल गुप्ता की बेटी हैं। उनकी शादी 2008 में हुई थी और उनके दो बच्चे हैं। वर्तमान में अंकित चुनार के ट्रेनिंग सेंटर में तैनात हैं। पति-पत्नी के बीच संबंधों में विवाद था, जिसकी वजह से अंकित मित्तल की महिला मित्र के साथ इश्कबाजी थी।

गोंडा के एसपी रहते हुए मित्तल के महिला मित्र के इश्क के चर्चें जब सुर्खियां बटोरने लगे तो यह विवाद सबके सामने आ गया। बाद में आईपीएस मित्तल के इश्कबाजी के किस्से सीएम योगी को भी सुनाए गए, जिसके बाद शासन ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। इस मामले को लेकर मध्यस्थता की गई लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। बाद में पत्नी द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच डीजी ट्रेनिंग द्वारा की गई और उनके खिलाफ कोर्ट में फर्जी मुठभेड़ का मुकदमा दर्ज हो चुका है।

प्यार-इनकार और इकरार की कहानी

उन्नाव में सदर कोतवाली में तैनात आरक्षी योगेंद्र यादव और महिला सिपाही ममता की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। इन दोनों की इश्कबाजी के बाद शादी सुर्खियों में है। सबसे पहले तो दोनों ने इश्क का गुल खिलाया। साथ जीने मरने की कसमें खाने लगे, लेकिन बात जब शादी तक आई तो योगेंद्र ने अपना असली रंग दिखाते हुए महिला सिपाही से दूरी बनानी शुरू कर दी। जिसके बाद महिला सिपाही ने एसपी उन्नाव को चिट्ठी लिखकर योगेंद्र पर दुराचार करने का आरोप लगाया।

महिला दरोगा ने ठेठ पुलिसिया अंदाज में आरक्षी योगेन्द्र को लपेट दिया। अपनी शिकायत में महिला दरोगा ने आरोप लगाया कि आरोपी आरक्षी ने जबरन उससे संबंध बनाए और वीडियो बना लिए और अब वायरल करने की धमकी दे रहा है। बात जब नौकरी पर आ गई तो योगेंद्र ने महिला सिपाही से समझौता कर शादी करने का फैसला कर लिया। पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में दोनों ने गोकुल बाबा मंदिर में हिन्दू रीति-रिवाजों के साथ शादी कर ली, इस तरह उनकी इश्कबाजी को मंजिल मिल गई।

आशिकी के चक्कर में डिप्टी एसपी का हुआ डिमोशन

उन्नाव के डिप्टी एसपी कृपाशंकर कनौजिया, जिन्हें महिला सिपाही से आशिकी का सिला अपने डिमोशन के रूप में मिला। कनौजिया को डिप्टी एसपी से सिपाही बना दिया गया है। दरअसल, मामला करीब दो साल पुराना है। जुलाई 2021 को कृपाशंकर कनौजिया ने घर जाने के लिए छुट्टी ली थी। कनौजिया ने पत्नी को घर आने की बात भी बताई थी लेकिन आशिकी के जुनून में वह महिला सिपाही को लेकर कानपुर के एक होटल पहुंच गए। इतना ही नहीं, वहां पर उन्होंने अपना फोन भी स्विच ऑफ कर लिया।

घर नहीं पहंचने पर डीएसपी साहब को लेकर पत्नी चिंतित हो उठीं। उन्होंने उन्नाव के एसपी को डीएसपी कनौजिया के घर न पहंुचने की जानकारी देते हुए बताया कि डीएसपी साहब ने बहुत बड़ी कार्रवाई की है, जिसकी वजह से उनकी जान को खतरा है। फोन बंद होने की सूचना भी उन्होंने दी। इसके बाद पुलिस ने तत्काल इसकी जांच तेज कर दी और उनका फोन सर्विलांस पर लगाया। जिसके बाद उनकी आखिरी लोकेशन कानपुर के होटल की मिली। पुलिस की टीम जब उनकी तलाश में होटल पहुंची, तो सीसीटीवी फुटेज ने सारी पोल खोल दी।

रंगीनमिजाजी के चलते गिरी गाज

खाकी की रंगीनमिजाजी के किस्सों में आगरा के थाना एत्माद्दौला के प्रभारी दुर्गेश कुमार मिश्र ने तो सारी हदें ही पार कर दी। थाना प्रभारी महोदय ट्रेनी महिला दरोगा के एकतरफा प्यार में दीवाने थे। आगरा कमिश्नर को लिखे पत्र में महिला दारोगा ने बताया था कि थाना प्रभारी ने उसको होली के दिन थाने के अंदर अचानक पकड़ लिया। यही नहीं थाना प्रभारी ने जबरदस्ती उसका चुबंन लिया।

जब महिला दरोगा ने विरोध किया तो थाना प्रभारी दुर्गेश ने वर्दी और पद का रौब दिखाते हुए महिला पुलिस कर्मी को धमकाया कि अगर उसने किसी से कुछ भी कहने की हिम्मत की तो रपट लगा दूंगा। इसके बाद भी थाना प्रभारी की अश्लील हरकतें बंद नहीं हुईं। इसके बाद 20 जून को देर रात फोन करके थाना प्रभारी ने कहा कि बहुत गर्मी पड़ रही है। मेरे कमरे में एसी लगा है। यहां आकर सो जाओ। मना करने पर महिला दरोगा को फिर धमकी दी। इस बार दुर्गेश ने महिला कर्मी को बदनाम करने तक की धमकी दी।

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सीओ को भारी पड़ी रंगमिजाजी

बस्ती में तैनात सीओ सदर विनय चौहान पति-पत्नी और वो के संबंधों में फंसते जा रहे हैं। दरअसल, सीओ साहब अपनी महिला मित्र के साथ पकड़े गए। पत्नी और बेटी ने जब गर्लफ्रेंड के साथ सीओ विनय चौहान रंगे हाथों पकड़ा तो फिर क्या था, सीओ साहब के सामने ही उनकी पत्नी और बेटी ने प्रेमिका की जमकर धुनाई कर डाली। गर्लफ्रेंड राजस्थान की महिला हेल्थ अफसर हैं। उसका कहना था कि पिछले 05 साल से सीओ विनय चौहान के साथ वो रिलेशनशिप में है और जयपुर से मिलने के लिए बस्ती आई थी।

कहा जा रहा है कि पत्नी को देखकर सीओ ने अपने तेवर बदल लिए और पत्नी का साथ देने लगा। सीओ साहब ने अपनी महिला मित्र का साथ न देते हुए दो सिपाहियों को बुलाकर अरेस्ट करवा दिया। महिला मित्र जब पुलिस हिरासत से छूटी तो उसने सीओ विनय चौहान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। जयपुर पुलिस ने मुकदमा बस्ती ट्रांसफर कर दिया है और एसपी ने इस मुकदमें को सिद्धार्थनगर जनपद में ट्रांसफर कर दिया है, ताकि जांच को प्रभावित न किया जा सके। घटना के बाद अब सीओ के ट्रांसफर के लिए आईजी ने शासन को खत लिखा है।

(रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान )

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