लखनऊः उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जनपद में न्याय न मिलने पर पिता ने अपने बेटे के शव को फ्रीजर में रख दिया, जिसकी मौत हुए 14 दिन से भी ज्यादा समय हो गया है। पिता की मांग है कि हत्या का मामला दर्ज होने के बाद ही वह शव का अंतिम संस्कार करेगा। मिली जानकारी के अुनसार शिव प्रसाद पाठक के 32 वर्षीय पुत्र शिवांक पाठक की एक अगस्त को दिल्ली में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पिता ने प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश की मांग करते हुए एक स्थानीय अदालत का दरवाजा खटखटाया। वह चाहता है कि मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस उसके बेटे का दूसरा पोस्टमॉर्टम करे।
शिव प्रसाद का दावा है कि उनके बेटे ने उन्हें मरने से कुछ दिन पहले बुलाया था और कहा था कि उसकी हत्या हो सकती है या फिर से किसी आपराधिक मामले में फंसाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब तक मामला दर्ज नहीं हो जाता, मैं अपने बेटे का अंतिम संस्कार नहीं करूंगा। तब तक उसके शव को डीप फ्रीजर में रखा जाएगा। रेलवे में कार्यरत और लखनऊ में तैनात शिवांक के छोटे भाई ईशांक ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने उनके भाई की मौत के संबंध में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी। उन्होंने परिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रति भी उपलब्ध नहीं कराई है। उन्होंने कहा कि मेरी भाभी गुरलीन कौर ने मेरी बहन पूनम मिश्रा को फोन किया, जो दिल्ली में रहती हैं, और उन्हें बताया कि शिवांक बेहोश हो गया है और पीला पड़ गया है। जब वह मेरे भाई को अस्पताल ले गई, तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। ईशांक और उसके पिता 2 अगस्त की सुबह दिल्ली पहुंचे, लेकिन तब तक डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम कर दिया था।
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उन्होंने कहा कि इसके बाद मैं बेगमपुर पुलिस स्टेशन पहुंचा, लेकिन पुलिस से कोई सहायता नहीं मिली। फिर हमने दिल्ली की एक अदालत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अदालत ने मामले को खारिज कर दिया। हमारे पास घर लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। हम उसका शव भी यहां लाए। उसने आगे आरोप लगाया कि उसकी भाभी और उसके पिता उसके भाई की संपत्ति हड़पना चाहते थे। शिवांक ने 2011 में दिल्ली में एक प्राइवेट कॉल सेंटर शुरू किया था और 2013 में गुरलीन से शादी की थी। उनकी एक साल की बेटी शोनाया भी है।
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