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राज्यसभा के बाद यूपी MLC चुनाव बना अखिलेश का सिरदर्द, अगले माह फिर होगा इम्तिहान

लखनऊः लोकसभा चुनाव के पहले राज्यसभा चुनाव में भाजपा की जीत ने सपा के सामने अपने विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती बढ़ा दी है। ऐसे में अब MLC चुनाव सपा के लिए एक बड़ी परीक्षा बनने जा रहा है। इस बार विधान परिषद की 13 सीटों के लिए चुनाव होना है। अगर क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो भाजपा को 10 सीटें और तीन सीटें सपा के खाते में जाएंगी।

यूपी विधान परिषद की 13 सीटें पर होगा चुनाव

ऐसे में अगर बीजेपी राज्यसभा की तरह अतिरिक्त उम्मीदवार उतारती है तो सपा की चुनौती निश्चित रूप से बढ़ जाएगी। विधान परिषद की 13 सीटें 5 मई को खाली हो रही हैं। इनमें बीजेपी के 10, एसपी, बीएसपी और अपना दल (सोनेलाल) के एक-एक सदस्य शामिल हैं। ये सभी सीटें विधानसभा क्षेत्र की हैं। इनमें सिर्फ विधायक वोट करते हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यूपी विधान परिषद चुनाव में पीडीए समीकरणों को साधने के लिए सपा हर संभव प्रयास करेगी। पार्टी मुस्लिम, कुर्मी और दलित समाज के नेताओं को मौका दे सकती है। इसके लिए पार्टी होमवर्क करने में जुटी है। सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि विधान परिषद में अब पूरी तरह से पीडीए फॉर्मूला लागू होगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए टिकट का वितरण किया जाएगा। हालांकि, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने फॉर्मूला तैयार कर लिया होगा, जिससे आसानी हो सके।

समीकरण बनाने में जुटी पार्टी

राजनीतिक विशेषज्ञ वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि राज्यसभा के बाद जिस तरह से सपा विधायक टूटे हैं। अब पार्टी सबक लेगी। पार्टी प्रमुख अपने सहयोगियों से विचार-विमर्श कर और लोकसभा चुनाव में समीकरण के मुताबिक टिकट देंगे। इसकी बानगी देखने को मिली है। उन्होंने शाह आलम गुड्डु जमाली को पार्टी में शामिल किया है। चर्चा है कि अखिलेश यादव उन्हें टिकट देकर अपना वोट बैंक बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं। इसी तरह पश्चिम से जयंत के जाने के बाद जाट गुर्जर पर दांव लगा सकते हैं। इस चुनाव में वह अपने सहयोगियों का ख्याल रख सकते हैं। ये भी पढ़ें..अपराधियों की अब खैर नहीं, यूपी में जल्द होगा STF का गठन

विधान परिषद में भी 'खेल' होने की आशंका

वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि जिस तरह से राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई, उससे विधान परिषद (MLC) में भी 'खेल' होने की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में उनके सामने अपने विधायकों और सहयोगियों को एकजुट रखने की चुनौती है। हालांकि, संख्या के आधार पर सपा अपने तीन प्रत्याशियों को आसानी से जिता लेगी। लेकिन, अगर बीजेपी 11वां उम्मीदवार उतारती है तो राज्यसभा की तरह क्रॉस वोटिंग की संभावना बढ़ सकती है।

21 मार्च को होगा MLC चुनाव

बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग ने पांच मई को रिक्त होने वाली 13 सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिए हैं। चार मार्च को चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन शुरू हो जाएंगे। 11 मार्च तक नामांकन भरे जाएंगे। 12 को नामांकन पत्रों की जांच और 14 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 21 मार्च को मतदान होगा।

इन नेताओं का खत्म हो रहा कार्यकाल

उसी दिन शाम 5 बजे से वोटों की गिनती के बाद नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। बीजेपी के डॉ। महेंद्र कुमार सिंह, अशोक धवन, बुक्कल नवाब, यशवंत, विजय बहादुर पाठक, मोहसिन रजा, अशोक कटारिया, विद्या सागर सोनकर, निर्मला पासवान और डॉ। सरोजनी अग्रवाल का कार्यकाल खत्म हो रहा है। सपा के नरेश चन्द्र उत्तम, अपना दल (सोनेलाल) के आशीष पटेल और बसपा के भीमराव अम्बेडकर का भी कार्यकाल खत्म हो रहा है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)