हाथरसः उत्तर प्रदेश की राजनीति में पहचान रखने वाले पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। बताया जा रहा है कि शुक्रवार देर रात आगरा में रामवीर उपाध्याय का निधन हुआ। उपाध्याय लम्बे समय से कैंसर से पीड़ित थे। आगरा स्थित आवास पर देर रात अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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1993 में की थी राजनीति की शुरुआत
पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय ने 1993 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। तब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से टिकट लेकर चुनाव लड़ने का प्रयास किया था, लेकिन असफल रहे थे। वर्ष 1996 में रामवीर उपाध्याय को बहुजन समाज पार्टी का साथ मिला और बसपा की टिकट पर चुनाव जीते। वे बसपा सरकार में मंत्री बने। वर्ष 1996, 2002, 2007 के लगातार तीन चुनाव हाथरस विधानसभा सीट से जीते। वर्ष 2012 में सिकंदराराऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और जीत हासिल। 2017 के चुनाव में उन्होंने सादाबाद सीट से चुनाव लड़ा और जीत प्राप्त की।
रामवीर के प्रयासों ने 1997 में हाथरस को जिला बनाया गया
इस बार हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें सादाबाद सीट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन रामवीर को इस बार हार का सामना करना पड़ा। उन्हें रालोद-सपा गठबंधन के प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह उर्फ गुड्डू चौधरी ने मात दी। रामवीर उपाध्याय के प्रयासों से ही 3 मई 1997 को हाथरस को जिला बनाया गया। पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय की धर्मपत्नी सीमा उपाध्याय हाथरस जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। उनका एक बेटा और दो बेटियां हैं।
मंत्री के निजी सचिव रानू पंडित के अनुसार उनकी अंतिम यात्रा 10:00 बजे आगरा से शुरू होकर 12:00 बजे हाथरस पहुंचेगी, जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को लोगों के अंतिम दर्शन के लिए हाथरस के लेबर कॉलोनी पार्क में रखा जाएगा। पूर्व मंत्री का अंतिम संस्कार शाम 4:00 बजे चंदपा कोतवाली क्षेत्र स्थित उनके पैतृक गांव बामौली में होगा।
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