बाराबंकीः यूपी के बाराबंकी जिले में सपा ने सीट बंटवारे में बड़ा उलटफेर करते हुए दरियाबाद, रामनगर तथा कुर्सी में अपने तीन पूर्व मंत्रियों को टिकट देकर एक तीर से दो निशान लगाने का काम किया है। बाराबंकी जनपद की सभी विधानसभाओं में भाजपा व सपा के बीच ही सीधे मुकाबले के आसार हैं। हालांकि हिन्दू मतदाता ही तय करेंगे कि किसकी होगी हार और किसकी होगी जीत। अगर हिन्दू मतदाता जातिवाद से ऊपर उठकर राष्ट्र व प्रदेश हित में मतदान किया तो सपा समेत अन्य पार्टियां का सूपड़ा साफ हो जायेगा। बता दें कि बाराबंकी में चौथे चरण यानी 23 फरवरी को मतदान होगा।
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सपा ने तीन पूर्व मंत्रियों पर लगाया दांव
समाजवादी ने रामनगर विधानसभा में दो पूर्व मंत्रियों की दावेदारी को समाप्त करके बड़ा उलटफेर करते हुए अरविन्द कुमार सिंह गोप को दरियाबाद और बेनी वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा को कुर्सी तथा अपने तीसरे पूर्व मंत्री फरीद महफूज किदवाई को रामनगर का प्रत्याशी बनाकर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है। वहीं भाजपा ने इन तीनों सीटों पर अपने वर्तमान विधायकों को प्रत्याशी बनाया है। दरियाबाद, रामनगर तथा कुर्सी सपा व भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट होगी? इन तीन सीटों पर वर्तमान में भाजपा विधायक हैं। इसलिए इन सीटों पर भाजपा के सामने जहां सीट बचाये रखने की चुनौती है, वहीं सपा के सामने जीत सुनिश्चित करने की।
इतिहास पर नजर डालें तो जनपद बाराबंकी समाजवादियों का गढ़ हुआ करती थी। बाराबंकी की राजनीति प्रखर समाजवादी नेता स्व.राम सेवक यादव के इर्द गिर्द घूमती थी। स्व.राम सेवक यादव की जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों बाराबंकी थी। स्व.राम सेवक यादव के बाद उनकी राजनैतिक विरासत को आगे बढ़ाने का काम मुलायम सिंह यादव और स्व.बेनी प्रसाद वर्मा की जोड़ी ने किया।
दरियाबाद विधानसभा
दरियाबाद से राजा राजीव कुमार सिंह सपा से 2007 व 2012 में विधायक चुने गये थे। वह सर्वप्रथम 1985 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुने गये थे। दो बार वह भाजपा व एक बार कांग्रेस के टिकट पर भी चुने गये। सपा से अरविन्द सिंह गोप के दरियाबाद आने से जहां उन्हें सपा के वोटबैक मुस्लिम, यादव के गठजोड़ का लाभ मिलेगा, वहीं क्षत्रिय व वर्मा विरादरी का भी समर्थन गोप को मिलने की पूरी संभावना है। वहीं भाजपा अपने हिन्दू मतदाताओं के सहारे मैदान में उतरी है। इस बार दरियाबाद से सपा के प्रत्याशी पूर्व मंत्री अरबिन्द सिंह गोप व भाजपा के प्रत्याशी व वर्तमान वितायक सतीश शर्मा के बीच मुकाबला है।
रामनगर विधानसभा
रामनगर विधानसभा सीट पर 2012 में सपा ने जीत दर्ज की थी और मोदी लहर में 2017 में गोप भाजपा प्रत्याशी शरद अवस्थी से चुनाव हार गये थे। रामनगर में भी यादव व मुस्लिम गठजोड़ से ही सपा की नैया पार हो सकती? किन्तु यहां हवा का रूख बदलने में हिन्दू मतदाताओं की अहम भूमिका मानी जाती है। वर्तमान में रामनगर में भाजपा विधायक शरद अवस्थी व सपा प्रत्याशी व पूर्व मंत्री फरीद महफूज किदवई के बीच मुकाबले के आसार हैं।
कुर्सी विधानसभा
कुर्सी विधानसभा सीट पर 2017 से पूर्व अधिकांश समय सपा का ही दबदबा कायम रहा। यहां से दो बार राधेश्याम व तीन बार हरदेव सिंह रावत तथा 2012 में सपा से फरीद महफूज किदवाई चुनाव जीत चुके हैं। राधेश्याम 02 एवं हरदेव सिंह रावत 04 बार विधायक रहे। दोनों नेता स्व.बेनी प्रसाद वर्मा के कहने पर राजनीति में आये थे। कुर्सी विधानसभा सीट पर भाजपा व सपा भी प्रतिनिधित्व कर चुकी है। यहां स्व.बेनी प्रसाद वर्मा की पकड़ के साथ ही वर्मा, मुस्लिम, यादव के सहारे राकेश वर्मा भाजपा के विजय रथ को रोक पाएंगे या नहीं या तो आने वाला समय ही बताएगा। वर्तमान समय में तीनों सीटो पर भाजपा का कब्जा, जिसे ध्वस्त करना सपा के लिए आसान नहीं होगा? क्योंकि 2022 का चुनाव सपा के लिए पहला चुनाव होगा जो बिना बेनी प्रसाद वर्मा की रणनीति के सपा चुनाव लड़ेगी।
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