लखनऊः परिवहन विभाग ने स्क्रैप पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब लखनऊ में पुराने वाहनों को कबाड़ में बेचने के लिए सुविधा केंद्र खुल सकेंगे। सुविधा केंद्र पर वाहन मालिक पुराने वाहन को बेच सकेंगे और कबाड़ हो चुके वाहन को बेचने के बारे में जानकारी भी ले सकेंगे।
परिवहन विभाग की स्क्रैप पॉलिसी नीति के मुताबिक, छह तरह के लोग कबाड़ वाहनों को खरीदने के लिए डिपो खोल सकते हैं। इसके लिए परिवहन विभाग ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के तहत कोई व्यक्ति, फर्म, संस्था, ट्रस्ट या शर्तों को पूरा करने वाले नेशनल सिंगल विंडो वेबसाइट www.ppe.nsws.gov.in/scrappagepolicy पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के पूर्व सौ रुपये के स्टाम्प पर चरित्र प्रमाण पत्र सहित अन्य जरूरी पत्रावलियों को अपलोड करना होगा।
स्क्रैप पॉलिसी नीति के तहत 20 साल पूरे कर चुके निजी वाहन तीन बार फिटनेस टेस्ट में फेल होने पर कबाड़ माने जाएंगे। 15 साल पूरे कर चुके व्यावसायिक वाहन तीन बार फिटनेस टेस्ट में फेल होने पर कबाड़ माने जाएंगे। कबाड़ हो चुकी गाड़ी की कुल कीमत का छह फीसदी नकद पैसा मिलेगा। साथ ही एक प्रमाण पत्र भी मिलेगा जिसे दिखाकर वाहन खरीद पर पांच प्रतिशत और टैक्स में 25 फीसदी की छूट मिलेगी।
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अपर परिवहन आयुक्त देवेंद्र कुमार त्रिपाठी का कहना है कि भारत सरकार की अधिसूचना पर प्रदेश में स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र खोलने की मंजूरी दे दी गई है। सुविधा केंद्र खोलने के लिए कुछ शर्तों के साथ लोगों को आमंत्रित किया गया है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया है। दरअसल, पुराने वाहनों को कंडम घोषित होने पर प्रदूषण में कमी आएगी। पुराने वाहनों के बार-बार मरम्मत में पैसा खर्च नहीं होगा। साथ ही पुराने अनफिट वाहनों के सड़क पर नहीं चलने से हादसे भी कम होंगे।
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