लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव अपने शबाब पर है। सूबे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपना-अपना दमखम दिखा रही है। वहीं उत्तर प्रदेश में विकास और अपराध पर नियंत्रण जैसे मुद्दों को सभी दलों द्वारा उठाया जा रहा है। वहीं यूपी विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में आने वाले अवध क्षेत्र में राम मंदिर ही सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है बाकि सभी मुद्दे इसके पीछे हैं। उत्तर प्रदेश में विकास और अपराध पर नियंत्रण जैसे मुद्दों को आए दिन राजनीतिक पार्टियों के नेताओं द्वारा उठाया जा रहा है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनावी गर्मी में दोनों ही मुद्दों पर बयान सामने आये हैं।
अवध में राम मंदिर ही प्रमुख मुद्दा
पश्चिम उत्तर प्रदेश से मध्य होते हुए पूर्वांचल की ओर बढ़ने पर अवध क्षेत्र की भी सीमा छूती है और यहां तो सब राममय है। बाकि मुद्दे पीछे हैं और राम मंदिर शीघ्रता से बने यह सभी के मन में है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण गतिमान है और अवधी भाषायी लोगों के हृदय में श्रीराम विराजमान हैं। अयोध्या विधानसभा की स्थानीय राजनीति से ऊपर उठकर राम मंदिर का विषय रहा है और इस विधानसभा चुनाव में भी बड़े पैमाने पर लोगों के बीच यह मुद्दा भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है। जिसे गीत संगीत के माध्यम से भी आजकल प्रस्तुत किया जा रहा है।
अयोध्या निवासी संदीप आचार्य जो लगातार राम मंदिर के मुद्दे पर ही अपने गीत गा रहे हैं, उन्हें पसंद करने वालों की अवध क्षेत्र में बड़ी संख्या है। संदीप आचार्य की तरह ही और भी गायक राम मंदिर पर अपनी प्रस्तुति करते आए हैं, जिन्हें खूब पसंद किया जा रहा है। लखनऊ के राम राम बैंक चौराहे के पास रहने वाले सुनील और उनके साथियों की मानें तो बड़ी संख्या में आज भी लोग कॉपी पर राम का नाम लिखते हैं। राम के नाम से कॉपियां भर देते हैं। यहां विकास की बात करने वाला भी राम का नाम लेता ही है।
भाजपा के लिए चुनावी नहीं आस्था का मुद्दा
राम मंदिर के मुद्दे को अहम मानने वाली पार्टियों में भाजपा इसे चुनावी मुद्दा नहीं, आस्था मानती है, लेकिन इस चुनाव में जो पार्टियां अपने को सेकुलर मानती रही हैं। श्रीराम जन्मभूमि पर चिकित्सालय, अनाथालय, शौचालय बनाने की बात करते रहे, आज उनके नेता अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की वकालत कर रहे हैं। इतना ही नहीं ये नेता श्रीराम जन्मू भूमि पर मत्था टेकर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास भी कर रहे हैं।
अवध की अहम सीटें
गौरतलब है कि अवध में सबसे ज्यादा 119 सीटें है। अवध में 19 जिले आते हैं जहां राम मुद्दा बेहद निर्णायक रहने वाला है। अवध में लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकर नगर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा जिले शामिल हैं. इलाहाबाद पश्चिम, लखनऊ वेस्ट, कुण्डा, लखनऊ सेंट्रल, लखनऊ कैंट, अमेठी, गौरीगंज, जगदीशपुर, रायबरेली, रानीगंज, प्रयागराज, सिराथू, बाराबंकी, अयोध्या, उन्नाव, गौरीगंज इस इलाके की अहम सीटें हैं।
सर्वे की अहम बातें
अवध में किए गए ओपिनियन पोल के मुताबिक अवध क्षेत्र में भाजपा को 2017 के मुकाबले इस बार 11-17 सीटों का तगड़ा नुकसान हो सकता है। जबकि समाजवादी पार्टी की बात करें तो उसे 25-29 सीटों का बड़ा फायदा होता नजह आ रहा है। वहीं कांग्रेस 0-2 सीट का नुकसान हो सकता है।जबकि BSP को तगड़ा नुकसान हो रहा है और वो खाता भी नहीं खोल पा रही है, 8 से सीधे शून्य पर आ रही है। अन्य को 3 से 5 सीट का नुकसान हो रहा है।
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