Friday, November 29, 2024
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Homeउत्तर प्रदेशUP Election 2022: ‘अपनो’ की नाराजगी सपा पर पड़ सकती है भारी

UP Election 2022: ‘अपनो’ की नाराजगी सपा पर पड़ सकती है भारी

लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दो चरण बीत गए हैं। इसी बीच आगे चरण में होने वाले चुनाव सपा के लिए काफी मुसीबत भरा हो सकता है। टिकट वितरण और अदला बदली से उनके नेताओं में काफी असंतोष देखने को मिल रहा है। माना जा रहा है कि यह आगे के चरण में समाजवादी पार्टी के लिए चुनौती भी बन सकता है। अंतिम चरण के नामांकन का समय काफी नजदीक आ रहा है। अभी सपा के कई सीटों पर उम्मीदवार घोषित होना बाकी है, जो टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। वह वर्तमान में अपना नया ठिकाना ढूंढ कर सपा के खिलाफ ही ताल ठोंक रहे है। पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुटी है लेकिन बात नहीं बन पा रही है। कुछ नाराज नेता क्षेत्र छोड़कर लखनऊ में जमंे है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इन दिनों प्रचार में खास व्यस्त है। कुछ उम्मीदवारों को गुप-चुप तरीके से सिंबल दे दिए गये हैं। कहीं-कहीं अदल-बदल हो रही है।

जौनपुर के सदर विधायक तेज बहादुर को नामांकन से रोका गया है। लेकिन अभी उम्मीदवार तय नहीं किया गया है। मछली शहर से कई बार के विधायक जगदीश सोनकर भी टिकट के लिए काफी मशक्कत कर रहे हैं। इसके अलावा जौनपुर, गाजीपुर, मऊ, वाराणसी जिलों के ज्यादातर टिकार्थी अपने समर्थकों के साथ लखनऊ में ही रूके हुए है। कुछ नेता को टिकट न मिलने से वह बागी होकर या तो बसपा से लड़ रहे हैं, या फिर भाजपा की ओर चले गये हैं। बसपा के बागी हुए शाह आलम गुड्डू जमाली को टिकट न मिलने वह ओवैसी की पार्टी एमआईएमएआईएम से चुनाव मैदान में है। इसी तरह भाजपा से सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ फाजिल नगर से सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी बसपा के टिकट से मैदान में है। जहूराबाद सीट से गठबंधन के प्रत्याशी ओमप्रकाश राजभर के सामने प्रसपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रही सादाब फातिमा बसपा के टिकट पर लड़ रही है। सिद्धार्थनगर की डुमरियागंज से सपा उम्मीदवार सैय्यदा खातून के सामने प्रसपा के प्रदेश महासचिव इरफान मलिक एमआईएमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। मिजार्पुर के मझवा सीट से टिकट मांग रहे डा. विनोद कुमार बिन्द को ज्ञानपुर से टिकट दे दिया गया है। इससे नाराज बिंद ने टिकट वापस कर दिया है। अब वे मझवा सीट पर निषाद पार्टी के टिकट से सपा उम्मींदवार को चुनौती दे रहे हैं। पूर्वांचल की कई सीटों पर भी ऐसी रार बढ़ती जा रही है। ऐसी ही फिरोजाबाद सदर सीट से टिकट मांगने वाले पूर्व विधायक अजीम भाई की पत्नी सजिया बसपा के टिकट पर ताल ठोंक रही है। यहीं की सिरसागंज सीट से सपा विधायक हरिओम यादव अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वह चुनाव मैदान में भी है।

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इसी तरह छह बार विधायक नरेन्द्र सिंह यादव को अमृतपुर से टिकट नहीं दिया। वह नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कायमगंज के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी डा. सुरभि इस बार अपना दल व भाजपा गठबंधन से प्रत्याशी हैं। हमीरपुर से सपा के मनोज प्रत्याशी भाजपा के उम्मीदवार हैं। इस प्रकार महोबा सीट पूर्व मंत्री सिद्धू गोपाल साहू को टिकट नहीं मिला है। उनके भाई संजय साहू बसपा से प्रत्याशी है। ऐसे लखनऊ से टिकट न मिलने पर कई उम्मींदवार मैदान में है। मलिहाबाद से सोनू कनौजिया मैदान में है सपा के इंदल रावत कांग्रेस के प्रत्याशी है। सरोजनी नगर से सपा के पूर्व मंत्री शारदा प्रताप प्रसपा से टिकट मांग रहे थे। लेकिन पार्टी ने नहीं दिया वह भाजपा में चले गये। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विधानसभा चुनाव जिस प्रकार से सपा ने ठीक शुरूआत की थी। लेकिन टिकट वितरण की रार होने से भीतरघात की संभावना बढ़ती जा रही है। ऐसे में उन्हें अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट रखना काफी चुनौतीपूर्ण होगा।

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