आतंकियों का नया ठिकाना बन रहा यूपी का जिला! देखिए कब-कब क्या हुआ

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मुरादाबादः दो दिन पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा मुरादाबाद से संदिग्ध आईएस आतंकी अरशद वारसी की गिरफ्तारी के बाद आतंकवाद की दुनिया में एक बार फिर से मुरादाबाद का नाम उभर कर सामने आया है। इससे पहले इसी जिले से हिज्बुल के संदिग्ध आतंकी अहमद रजा और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी फरहान को भी गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले तेलंगाना में पकड़े गए म्यांमार निवासी रोहिंग्या के पासपोर्ट में मुरादाबाद जिले का पता दर्ज था। पीतल नगरी के नाम से मशहूर मुरादाबाद जिले में पिछले कई सालों में आतंकियों के कनेक्शन का खुलासा हुआ है। अब यह जिला आतंकियों के लिए ‘पनाहगाह’ बनता जा रहा है।

तीन अगस्त को यूपी एटीएस ने मुरादाबाद के मूंढापांडे थाना क्षेत्र के मिलक गुलड़िया निवासी अहमद रजा उर्फ ​​शाहरुख को गिरफ्तार किया था। अहमद रजा उर्फ ​​शाहरुख जयपुर स्थित एक मदरसे में पढ़ने गया था। धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने उसी मदरसे में पढ़ाना शुरू कर दिया। इसी दौरान वह हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी फिरदौस निवासी अनंतनाग (जम्मू कश्मीर) के संपर्क में आया। उन्होंने अनंतनाग जाकर हथियार चलाने का प्रशिक्षण लिया।

27 अक्टूबर 2017 को आईबी, एटीएस और पुलिस की संयुक्त टीम ने गोधरा कांड के आरोपी और लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य फरहान को मुरादाबाद के मुगलपुरा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला था कि उन्हें पोटा मामले में 06 अगस्त 2007 को दिल्ली की स्पेशल टीम ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें सात साल की सजा सुनाई थी। 2009 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत पर रिहा कर दिया गया। कोर्ट ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया था और उनके विदेश जाने पर रोक लगा दी थी।

सिद्धार्थनगर जिले के शोहरतगढ़ का रहने वाला फरहान मुरादाबाद आया था। वह मुगलपुरा इलाके में किराए के मकान में रह रहा था। यहीं रहते हुए उसने अपना ड्राइविंग लाइसेंस और राशन कार्ड बनवा लिया था। इन दस्तावेजों से उसने पासपोर्ट और वीजा बनवा लिया और कुवैत भी चला गया।

इसके अलावा म्यांमार निवासी एक रोहिंग्या को भी तेलंगाना में पकड़ा गया था। पुलिस ने उसके पास से एक पासपोर्ट बरामद किया था जिसमें मुरादाबाद के कांठ थाना क्षेत्र के गांव अकबरपुर चंद्री का पता दर्ज था। आरोपी ने इसी पासपोर्ट की मदद से सऊदी अरब की यात्रा की थी। इस मामले में तेलंगाना पुलिस के इंस्पेक्टर ने कांठ थाने में केस भी दर्ज कराया था। अभी तक उसके मददगार पकड़े नहीं जा सके हैं।

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एक रोहिंग्या महिला ने मुरादाबाद में अपना ठिकाना बना लिया था। म्यांमार निवासी रोहिंग्या महिला फातिमा उर्फ ​​अमीना उर्फ ​​मोती, उसकी बेटी रिहाना, गुलशन और अर्शी को पकड़ा गया। यहां आने से पहले महिला 17 साल तक मेरठ में रह रही थी।

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