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यूपी STF का एक्शन, फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह के 3 सदस्य गिरफ्तार

UP Crime: यूपी एसटीएफ ने फर्जी वेबसाइट एवं साफ्टवेयर के माध्यम से कूटरचित जन्म, मृत्यु एवं कोविड वैक्सीन प्रमाण-पत्र बनाने की फ्रेंचाइजी लेकर कूटरचित दस्तावेज बनाने वाले संगठित गिरोह के 03 अभियुक्तों को लखनऊ स्थित नहरिया चौराहे से रात करीब दो बजे गिरफ्तार कर लिया है। इन अभियुक्तों की पहचान बहराइच निवासी मोहम्मद अरमान, कुशीनगर निवासी सहीम अंसारी व जौनपुर निवासी मोहम्मद अफजल के रूप में हुई। गिरफ्तारी के समय अभियुक्तों के पास से तीन लैपटाप, पांच मोबाइल, के साथ अन्य कूटरचित दस्तावेज बरामद किए गए। इन अभियुक्तों के पास से एक लाख 25 हजार रूपया भी बदामद हुआ।

यूपी एसटीएफ को विगत काफी समय से फर्जी वेबसाइट एवं साफ्टवेयर के माध्यम से कूटरचित जन्म, मृत्यु एवं कोविड वैक्सीन प्रमाण-पत्र बनाने (इन्ही प्रमाण पत्रों के माध्यम से कूटरचित आधार कार्ड, विभिन्न सरकारी योजनाओं का अनाधिकृत तरीके से लाभ लेने व विभिन्न बीमा कम्पनियों से क्लेम लेने में प्रयोग करने हेतु) की सम्पूर्ण भारत में सैकड़ों की संख्या में फ्रेंचाइजी देने वाले संगठित गिरोह के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस गिरोह के अनावरण के लिए यूपी एसटीएफ की विभिन्न टीमों को निर्देशित किया गया था।

एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि 30 नवम्बर को एसटीएफ ने फर्जी जन्म, मृत्यु एवं कोविड वैक्सीन प्रमाण-पत्र बनाने वाले संगठित गिरोह के मास्टरमाइंड सहित 03 अभियुक्तांे को गाजियाबाद से गिरफ्तार कर भारी मात्रा में कूटरचित जन्म प्रमाण-पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र व इस कार्य में प्रयुक्त इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद किया गया था। गिरफ्तार गिरोह के मास्टर माइंड साहिल की निशानदेही पर आज शनिवार दो दिसम्बर को एसटीएफ टीम द्वारा निरीक्षक संजय सिंह के नेतृत्व में इस गिरोह के 03 सदस्यों को नहरिया चौराहा लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है।

तीनों ने पूछताछ में कबूला अपना जुर्म

पूछताछ मे गिरोह के उपरोक्त सदस्यों नें संयुक्त रूप से बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों ने मोहम्मद साहिल निवासी गाजियाबाद से फर्जी वेबसाइट एवं साफ्टवेयर के माध्यम से कूटरचित जन्म, मृत्यु एवं कोविड वैक्सीन प्रमाण-पत्र बनाने की फ्रेंचाइजी ले रखी थी। इसका प्रयोग कर लोगों का कूटरचित/फर्जी जन्म प्रमाण पत्र एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाये जाते थे। इसी दस्तावेजों के आधार पर लोग निवास प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेते है इस निवास प्रमाण पत्र के से भारत का आधार कार्ड बनवा लेते थे। यह प्रमाणपत्र पकड़े गए अभियुक्तों द्वारा लैपटाप एवं डेस्कटाप के माध्यम से बनाये जाते थे।

सोशल मीडिया के जारिए करते थे लोगों से सम्पर्क

इस कार्य के लिए ये लोग व्हाटसएप ग्रुप, टेलीग्राम के माध्यम से जनता के व्यक्तियों से सम्पर्क करते थे। मोहम्मद अरमान ने यह भी बताया कि उसके चाचा जाबिर अंसारी जो ग्रामीण डाक सेवा में संविदा कर्मी है, उनको डाक विभाग द्वारा आधार कार्ड बनाने की आईडी दी गयी है। उस आइडी का प्रयोग कर हम लोगों द्वारा बनाये गये कूटचरचित जन्म प्रमाणपत्रों के माध्यम से उसके चाचा द्वारा लोगों के फर्जी आधार कार्ड तैयार किये जाते है।

दस्तावेजों का फारेंसिक परीक्षण कराया जायेगा

गिरोह के अन्य सदस्यों की गतिविधियों व उनके द्वारा फर्जी तरीके से बनाये गये जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर सम्भावित बनाये गये आधार कार्ड के सम्बन्ध में यूआईडीएआई से जानकारी प्राप्त की जा रही है व विभिन्न सरकारी योजनाओं का अनाधिकृत तरीके से लाभ लेने व विभिन्न बीमा कम्पनियों से क्लेम लेने में प्रयोग कूटरचित मृत्यु प्रमाणपत्र के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभाग से जानकारी प्राप्त कर बरामद कूटरचित दस्तावेजों का फारेंसिक परीक्षण कराया जायेगा एवं गैंग के अन्य सदस्यों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।

रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान, लखनऊ

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