Sunday, November 17, 2024
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UP Board: मार्कशीट-सर्टिफिकेट में संशोधन के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर, ऑनलाइन होगा करेक्शन

 

UP Board mark sheets and certificates can be amended online

प्रयागराज: यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने कहा है कि अब लोगों को मार्कशीट और सर्टिफिकेट में संशोधन के लिए बोर्ड या क्षेत्रीय कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यूपी बोर्ड जल्द एक ऑनलाइन प्लेटफार्म यानी एक वेबसाइट लॉन्च करने वाला है। इस वेबसाइट से यदि आप ऑनलाइन संशोधन के लिए आवेदन करेंगे तो आपको एक ट्रैकिंग नंबर मिलेगा। जिसके जरिए वे आवेदन पत्र पर चल रही कार्रवाई की स्थिति जान सकेंगे। इसमें एक हफ्ते से 10 दिन के अंदर मामले का निपटारा हो जाएगा और स्कूल को स्पीड पोस्ट के जरिए मार्कशीट मिल जाएगी।

हाल ही में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव के नेतृत्व में शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल से मिला, सचिव द्वारा कैंप लगाकर मामलों का निस्तारण कराया गया। दो माह में करीब 60 हजार अभ्यर्थियों से मुलाकात की। इस बारे में उन्होंने कहा कि यूपी बोर्ड के सचिव ने एक अच्छी पहल की है, जिसके तहत छात्र और उनके अभिभावक अपने जिले में मार्कशीट व सर्टिफिकेट को आसानी से सुधार करा सकते हैं। इस मौके पर प्रदेश निरीक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह, प्रदेश मंत्री तीरथराज पटेल, मिथिलेश मौर्य, विजय यादव, विनोद यादव, देवराज सिंह समेत अन्य शिक्षक मौजूद रहे। यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने एकजुट को बधाई देने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि आने वाले समय में छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए और अधिक सुविधाएं बनाई जाएंगी, जिसके लिए बोर्ड में बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है।

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समय पर निस्तारण न होने दंडित होंगे कार्मचारी 

भविष्य में परिषद केवल ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से ही निस्तारण के लिए आवेदन लेगी, अपना ट्रैकिंग सिस्टम विकसित करेगी, संशोधन हेतु आवश्यक साक्ष्य अभिलेख ऑनलाइन मंगायेगी, ऑनलाइन सत्यापन करायेगी तथा मामलों का निस्तारण भी ऑनलाइन ही करेगी। यदि तय समय में निस्तारण नहीं हुआ तो संबंधित कर्मचारी व अधिकारी दंडित होंगे। परिषद द्वारा जवाबदेही तय करने आदि की कार्रवाई पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सचिव ने सभी संशोधित मार्कशीट संबंधित छात्रों के घर भेज दी हैं और संबंधित जिलों के डीआईओएस से 30 सितंबर तक प्रमाणपत्र मांगा है। गौरतलब है कि सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने यूपी बोर्ड के इतिहास में पहली बार वर्ष 2022-23 की परीक्षा के दौरान बिना नकल, बिना पेपर आउट और कम समय में रिजल्ट घोषित कर इतिहास रचा था। इस मामले में सचिव का कहना है कि सरकार की मंशा के अनुरूप परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित की गयी और इस सफलता में प्रधान सचिव दीपक कुमार, महानिदेशक विजय किरण आनंद और शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों का पूरा सहयोग रहा।

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