लखनऊः उत्तर प्रदेश में नकल माफियाओं पर नकेल कसने की सरकार की पूरी तैयारी की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक में नकल विहीन परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर कोई छात्र नकल करते हुए पकड़ा गया तो उसके खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री योगी ने उच्चस्तरीय बैठक में परीक्षाओं को नकल विहीन और पारदर्शी बनाने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं। पहली बार मुख्यमंत्री योगी ने नकल करने पर पकड़े जाने पर एनएसए की कार्रवाई के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर अधिकारियों को आदेश दिया कि जिलाधिकारियों की ओर से प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया जाएगा। वह परीक्षा खत्म होने के बाद जिलाधिकारी के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक को रिपोर्ट करेंगे, ताकि प्रतिदिन की गतिविधियों की जानकारी उक्त को हो सके। वहीं एग्जाम की कांपियों की सख्त निगरानी के लिए पहली बार प्रधानाचार्य कक्ष से अलग स्ट्रांग रूम बनाया जाए। साथ ही कॉपियों को डबल लॉक अलमारी में रखा जाए और उसकी मॉनिटरिंग 24 घंटे सीसीटीवी से की जाए। सभी जिलों में कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति के बाद एग्जाम से पहले उनका सख्ती का प्रशिक्षण किया जाए। इसके साथ ही जिला में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक एवं वाह्य केंद्र व्यवस्थापकों का भी प्रशिक्षण किया जाए। वहीं परीक्षा में बाधा डालने व व्यवस्था को प्रभावित करने वालों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाए और उनकी संपत्ति कुर्क की जाए।
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सीसीटीवी के साथ सशस्त्र पुलिसकर्मियों की निगरानी में होगा स्ट्रांग रूम
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिये कि प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के लिए प्रधानाचार्य कक्ष की जगह एक अलग से स्ट्रांग रूम बनाया जाए। उसकी सीसीटीवी से निगरानी के साथ दो सशस्त्र पुलिसकर्मियों की 24 घंटे तैनाती की जाए। परीक्षा केंद्रो पर वॉयस से लैस सीसीटीवी, डीवीआर, राऊटर डिवाइस और हाईस्पीड ब्राडबैंड कनेक्शन लगाए जाएं। वहीं जिला मुख्यालय के डबल लॉक स्ट्रांग रूम से प्रश्नपत्रों के सील्ड बॉक्स को बंद गाड़ी में परीक्षा केंद्रों के डबल लॉक अलमारी में रखने के दौरान तीन सदस्य केंद्र व्यवस्थापक, वाह्य केंद्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट के सामने उसे सील किया जाए। साथ ही प्रश्नपत्र खोलते समय भी तीनों की मौजूदगी सुनिश्चित की जाए। इस दौरान किसी के अनुपस्थित रहने पर उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। ऐसी स्थिति में प्रश्नपत्र को खोलते समय जिलाधिकारी या फिर अपर जिलाधिकारी की अनुमति जरूरी होगी।
58 लाख विद्यार्थी देंगे परीक्षा
इस बार यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए 58 लाख 85 हजार 745 परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें हाई स्कूल के 31 लाख 16 हजार 487 परीक्षार्थी शामिल हैं। जबकि इंटरमीडिएट के 27 लाख 69 हजार 258 परीक्षार्थी शामिल हैं। परीक्षा के लिए प्रदेश में आठ हजार 753 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इसमें 540 राजकीय, 3523 सवित्त और 4690 वित्तविहीन कॉलेज शामिल हैं। उल्लेखनीय 16 फरवरी से यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। चार मार्च तक परीक्षाएं चलेंगी।
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