यूपी एटीएस को मिली बड़ी सफलता, बांग्लादेशी रोहिंग्या की मदद करने वाले सरगना समेत नौ गिरफ्तार

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लखनऊः यूपी एटीएस ने सोमवार को बांग्लादेशी रोहिंग्याओं की मदद करने वाले सरगना समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। अब तक इस मामले में 18 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। एटीएस की टीम ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेट फार्म नम्बर तीन से आठ बांग्लादेशियों को चिन्हित करने के बाद गिरफ्तार किया है। अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि एटीएस ने बांग्लादेशी रोहिंग्याओं की मदद करने वाले सरगना समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों में बांग्लादेश के रहने वाले महफुजुर रहमान, असीदुल इस्लाम (फर्जी नाम विजय दास), हुसैन मो. फहद (फर्जी नाम मानिक दत्ता), अलाअमीन अहमद, (फर्जी नाम राजेश विश्वास), जैबुल इस्लाम (फर्जी नाम गोविन्दा दास), जमील अहमद पोराग (फर्जी नाम पलाश विश्वास), राजिब हुसैन, (फर्जी नाम अजीत दास),शखावत खान (फर्जी नाम गोलक मंडल) और अलाउद्दीन तारिक (फर्जी नाम रिंकू विश्वास) हैं।

महफुजुर बांग्लादेशी गिरोह का है सरगना
पूछताछ में पता चला है कि अभियुक्त महफुजुर बांग्लादेशी नागरिक है और इस गिरोह का सरगना है। वह अपना फर्जी स्थायी पता कोलकता बताकर वर्तमान में एक मदरसे में रहा था जिसका पता मार्टिनपारा पश्चिम बंगाल है। वह वर्ष 2010 से अवैध रुप से बांग्लादेश बॉर्डर पार करके भारत आया और पश्चिम बंगाल में रहने लगा। इस दौरान उसने फर्जी तरीके से फर्जी भारतीय पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज बनवा लिए। इस बीच वह भारतीय पासपोर्ट बनवाकर वर्ष 2013 में दुबई चला गया। वहां से वापस आने के बाद वह अपने साथियों की मदद से बांग्लादेशियों को भारत लाने लगा। यहां पर उन लोगों के फर्जी दस्तावेज बनवाकर विदेश भेजने का काम शुरू कर दिया। वह भारत के अलावा अन्य राज्यों में भी घुसपैठ करने लगा।

पाकिस्तानियों से भी हैं सम्पर्क
पकड़ा गया अभियुक्त महफुजुर खाली पड़े मदरसे में अवैध तरीके से भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पार करके आये बांग्लादेशियों को रखता था। यहां पर बाकायदा बांग्लादेशियों को हिंदी बोलने, लिखने एवं परिवर्तित नाम से फर्जी नामों के हस्ताक्षर बनाने का प्रशिक्षण भी देता था। वह इस काम में पिछले तीन-चार से संलिप्त है। यह भी संज्ञान में आया है कि उसका सम्पर्क कुछ पाकिस्तानी लोगों से भी है, जिसके संबंध में गंभीरता से जांच और पूछताछ की जायेगी। साक्ष्य मिलने पर उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई भी की जायेगी। अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया कि मुख्यालय और कानपुर-वाराणसी की एटीएस की टीम ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेट फार्म नम्बर तीन से आठ बांग्लादेशियों को चिन्हित करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि हम सभी को विदेश भेजने के नाम पर महफुजुर्रहमान ने एक-एक लाख रुपये लिये थे। इसके लिए उसने एक व्हाटसअप ग्रुप बनाया गया है, जिससे महफुजुर्रहमान और उन सबकी बातचीत होती थी।

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रिमांड पर लेने को एटीएस देगा कोर्ट में अर्जी
एटीएस के अधिकारी ने बताया कि अभियुक्तों को अदालत के समक्ष पेश किया जायेगा। विस्तृत पूछताछ के लिए अभियुक्तों को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी जायेगी।

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