लखनऊः यूपी एसटीएफ को 18 महीने में लगभग एक करोड़ रूपये खर्च कर, तीन हैकरों, छह डिवाइस, तीन कीलागर साफ्टवेयर, तीन बैंक अधिकारियों की मदद से उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के लखनऊ स्थित मुख्यालय के सर्वर को हैक कर, प्रबन्धक व कैशियर के लॉगिन आइडी पासवर्ड प्राप्त कर, सिस्टम को रिमोट एक्सिस पर लेकर सात खातों से आठ लेन-देन के माध्यम से 146 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के संगठित गिरोह के दो इनामी सहित तीन अपराधियों को कानपुर, लखनऊ व गोंडा से गिरफ्तार करने में सफलता मिली है।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान गोंडा निवासी वकार आलम खान, अरमाना अतहर व वहीदुर्रहमान के रूप में हुई है। इनके पास से दो आधार कार्ड, तीन मोबाइल, दो पैन कार्ड, निर्वाचन कार्ड व डील बरामद किया गया है। एसटीएफ ने वकार आलम खान को बुधवार को कानपुर के सेंट्रल रेवले स्टेशन से रात एक बजे के आसपास गिरफ्तार किया था। वहीं अरमाना अतहर को बुधवार को ही वकार आलम के साथ पकड़ा जबकि वहीदुर्ररहमान उर्फ वाहिद को 12 बजे विभूतिखंड स्थित मधुरिमा होटल से पकड़ा।
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बीते वर्ष 16 अक्टूबर 2022 को लखनऊ स्थित उप्र कोआपरेटिव बैंक के मुख्यालय के सहायक महा प्रबन्धक अजय कुमार त्रिपाठी द्वारा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक फ्रॉड का मामला दर्ज कराया गया। इसमें कहा गया कि 15 को दोपहर 2 से तीन के बीच के मध्य उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड के एनएडी अनुभाग में खुले जिला सहकारी बैंकों के सात खातों से आठ लेन-देन के माध्यम से विकास पाण्डेय, सहायक कैशियर एवं मेवालाल प्रबन्धक की सीबीएस आईडी से अनाधिकृत तरीके से अन्य बैंक आईसीआईसीआई एवं एचडीएफसी के खातों में 146.00 करोड़ रुपए ट्रांसफर किये गये हैं। इस मामले में एसटीएफ ने 31 अक्टूबर 2022 को पॉलिटेक्निक चौराहा लखनऊ से उपरोक्त अपराध में संलिप्त साइबर अपराधियों के संगठित गिरोह के 02 मास्टर माइण्ड सहित पांच अभियुक्तों और इसी वर्ष छह सितम्बर 2023 को फनमाल के सामने मेनरोड से 25000 रूपये के इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था।
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