UP Monsoon Session: मानसून सत्र के दौरान कुल 30 घंटे 23 मिनट चली विधानसभा, 11 विधेयक पारित

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UP Monsoon Session: लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही पांच सत्रों में कुल 30 घंटे 23 मिनट तक चली। इसमें 40 और 20 मिनट यानी सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित होने के बाद कल विधानसभा 29 घंटे 23 मिनट तक चली है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना 07 से 11 अगस्त तक चलने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के बारे में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने बताया कि कार्यवाही के दौरान कुल 3348 प्रश्न प्राप्त हुए। जिसमें 361 स्वीकृत तारांकित, 2666 अतारांकित प्रश्न हैं। इनमें कुल 988 सवालों के जवाब दिए गए। 2082 प्रश्न ऑनलाइन प्राप्त हुए।

इसी तरह, नियम 51 के तहत सरकार से बयान मांगने के लिए 608 नोटिस प्राप्त हुए। इनमें वक्तव्य के लिए 17, केवल वक्तव्य के लिए 06 तथा ध्यानाकर्षण के लिए 311 सूचनाएं तथा 274 सूचनाएं अस्वीकृत कर दी गईं। 07 अगस्त को शुरू हुए 18वीं विधानसभा के दूसरे सत्र में नियम-300 के तहत कुल 13 सूचनाएं प्राप्त हुईं। इनमें से चार स्वीकृत और 09 अस्वीकृत हो गईं। नियम 301 के अंतर्गत कुल 450 सूचनाएं प्राप्त हुईं। इनमें से 279 स्वीकृत एवं 171 अस्वीकृत कर दी गईं। नियम 311 के तहत पांच नोटिस प्राप्त हुए, सभी खारिज कर दिए गए। नियम 56 के तहत कुल 85 सूचनाएं प्राप्त हुईं। इनमें से 12 की स्वीकार्यता के लिए सुनवाई की गई और 11 पर ध्यान आकर्षित किया गया। नियम 103 के तहत कुल 18 प्रस्तावों में से 16 स्वीकृत किये गये तथा दो अस्वीकार किये गये।

सदन में शुक्रवार को प्रस्तुत किये गये प्रस्तावों की संख्या तीन रही, वापस लिये गये प्रस्तावों की संख्या, सदन में प्रस्तुतिकरण के समय प्रस्ताव पेश करने वाले सदस्य की गैर-मौजूदगी के कारण निरस्त हुए प्रस्तावों की संख्या, सदन में प्रस्तुतीकरण के लिये लंबित प्रस्तावों की संख्या, चर्चा के लिये लंबित प्रस्तावों की संख्या पिछले दो सत्रों के दिन प्रस्तावों की संख्या 17 थी। इस सत्र में कुल 524 याचिकाएँ प्राप्त हुईं। जिसमें 387 को स्वीकार्यता के बाद स्वीकार किया गया तथा देर से प्राप्त याचिकाओं की संख्या 42 थी।

विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री और सदन के नेता योगी आदित्यनाथ, विपक्ष के नेता अखिलेश यादव, अपना दल एस के नेता राम निवास वर्मा, राष्ट्रीय लोक दल के नेता राजपाल सिंह बालियान, निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के नेता अनिल कुमार त्रिपाठी, भारतीय सुहेलदेव पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक नेता रघुराज प्रताप सिंह, बहुजन समाज पार्टी नेता उमाशंकर सिंह समेत सभी पार्टी नेताओं के सहयोग की सराहना की।

विधानसभा के नियमों में किया गया बदलाव

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली 1958 में संशोधन की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नियम 287 के तहत अब विधानसभा अध्यक्ष महिला सदस्यों को प्राथमिकता दे सकेंगे। सदन में विधायकों द्वारा उठाये गये मुद्दों को विभाग तक भेजना और उसकी मॉनिटरिंग करना बड़ी बात है। ऐसा करने से विधानसभा में सदस्यों की उपस्थिति और कार्यवाही में भागीदारी बढ़ गयी है। हम 33 साल से 1958 का वही मैनुअल पढ़ रहे हैं। काम कर रहे हैं। इस नियम में बदलाव किया गया है। जो सूचना 03 माह में दी जानी थी उसे एक माह में देने का प्रावधान किया गया है। सतीश महाना कहा कि एक और बड़ा बदलाव किया गया है। विधायकों के जो सवाल अनुत्तरित रह गए हैं। उनके जवाब सत्र के 15 दिन के भीतर मिल जाएंगे। विधायकों को जवाब भेजा जाएगा। यह व्यवस्था उपलब्ध कराने वाली यह देश की पहली विधानसभा है। इसी तरह कई बदलाव किये गये हैं। विधान भवन को खूबसूरत बनाया गया है। गैलरी बनाई गई है। टंडन हॉल का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा।

कुल 13 विधेयक पारित

उत्तर प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र के दौरान कुल 13 विधायक विचरण एवं पारण के लिए प्रस्तुत किए गए। इनमें से –
– उत्तर प्रदेश दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) विधेयक 2023
– उत्तर प्रदेश नागर स्थानीय स्वायत्त शासन विधि (संशोधन) विधेयक 2023
– उत्तर प्रदेश नगर पालिका (संशोधन) विधेयक 2023
– उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (संशोधन) विधेयक 2023
– उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (संशोधन) विधेयक 2023
– उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2023
– उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2023
– उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक 2023
– उत्तर प्रदेश कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2023
– उत्तर प्रदेश जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2023
– उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) विधेयक 2023
– उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज (संशोधन) विधेयक 2023 का कारण किया गया है।

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