UP, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को 50 फीसदी तक कम करने के लिए परिवहन विभाग ने कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत 15 से 31 दिसंबर तक सभी जिलों में अंतरविभागीय समन्वय से सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मनाया जायेगा।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि ओवरस्पीडिंग, रॉन्ग साइड ड्राइविंग, मोबाइल फोन का इस्तेमाल और नशे में गाड़ी चलाना सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है। यह मानव निर्मित आपदा है इसलिए इसे कम करने के लिए जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। यह एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा है।
स्कूली वाहनों का फिटनेस टेस्ट
प्रवक्ता ने बताया कि सड़क सुरक्षा पखवाड़ा के तहत प्रदेश के सभी स्कूली वाहनों की फिटनेस और वाहन चालकों की मेडिकल फिटनेस की जांच की जायेगी। सभी शिक्षण संस्थानों में प्रार्थना सभाओं में विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों की जानकारी दी जायेगी तथा सड़क सुरक्षा की शपथ दिलायी जायेगी। कोहरे को देखते हुए प्रभावी गश्त की जाएगी। व्यवसायिक वाहन चालकों के लिए अनिवार्य रूप से हेल्थ कार्ड जारी किये जायेंगे। टास्क फोर्स द्वारा स्रोत स्थल पर ओवरलोडिंग रोकी जाएगी। इसके अलावा परिवहन विभाग द्वारा सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए समय-समय पर जारी आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। इस तरह कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।
सड़क दुर्घटनाओं का विश्लेषण कर कार्यवाही
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि सभी मण्डल एवं जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समितियों की बैठक अनिवार्य रूप से की जाये। सभी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी इसके लिये एक दिन निर्धारित कर लें। बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के संबंध में जन प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए और उनके सुझाव भी लिए जाएं।
इसके अलावा बैठक में विषय विशेषज्ञों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जा सकता है। समिति की बैठक में सड़क दुर्घटनाओं का विश्लेषण कर कार्यवाही की जाये। कार्रवाई का परिणाम जमीन पर भी दिखना चाहिए। यदि किसी वाहन चालक का लगातार तीन बार से अधिक चालान काटा जाए तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए। इसके बावजूद उल्लंघन करने पर उसके वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाये।
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इसके अलावा जिले में उपलब्ध क्रिटिकल केयर सुविधाओं का भी समय-समय पर निरीक्षण किया जाना चाहिए, ताकि सड़क दुर्घटनाओं से प्रभावित लोगों को जिले में ही इलाज मिल सके। सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को बचाने के लिए आपदा मित्रों को भी प्रशिक्षित किया गया है। सड़क दुर्घटना होने पर उन्हें सूचना देने की भी व्यवस्था की जाए।
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