धमतरी: रबी सीजन में इस साल धान फसल लेने वाले किसान सिर पीट रहे हैं, क्योंकि खराब मौसम के चलते फसल में कई तरह की बीमारियां लग रही हैं। मुड़पार व आसपास गांवों के फसल में चितरी बीमारी का प्रकोप है। बीमारी अधिक फैलने से किसानों को फसल छोड़ना पड़ा। वहीं बोर पंप बंद होने से कई किसानों के फसल सूख रही है, इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
ग्राम पंचायत मुड़पार, बरारी, कोटाभर्री, अछोटा, कोलियारी, गंगरेल, रूद्री, भटगांव, सोरम, खरेंगा, कलारतराई समेत आसपास गांवों के किसानों ने रबी सीजन में धान फसल की खेती की है। खेतों में पौधा तैयार हो रहा है, इस बीच बेमौसम वर्षा व बादल वाले मौसम के चलते धान फसल में कई तरह की बीमारियां हो रही हैं, इससे किसानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। ग्राम मुड़पार में सड़क किनारे कुछ किसानों के धान फसल में चितरी बीमारी का प्रकोप है। कीटनाशक का छिड़काव करने के बाद भी बीमारी नहीं गई, तो किसानों ने परेशान होकर फसल की देखरेख करना बंद कर दिया। ऐसे में इन किसानों के धान फसल अब सूख रही है। वहीं धान फसल में गर्मी व उमस तेज होने से तनाछेदक समेत कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं। इस साल कई किसानों के धान की फसल का विकास नहीं हो रहा है। पौधों की उंचाई काफी कम है। कीटनाशक छिड़काव के बाद भी राहत नहीं है, इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उपसंचालक मोनेश कुमार साहू का कहना है कि धान फसल में गर्मी के इस मौसम में कई तरह की बीमारियां आ रही हैं, ऐसे में किसान कृषि अधिकारियों से राय लेकर कीटनाशक का छिड़काव करें।
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उल्लेखनीय है कि जिले में इस साल करीब 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल पर धमतरी, कुरूद, नगरी और मगरलोड के किसानों ने रबी सीजन में धान फसल की खेती की है, लेकिन मार्च माह के पखवाड़े से पहले ही भू जलस्तर से नीचे जाने से बोर सिंचाई सुविधा बंद हो चुका है। वहीं कई बोर में पानी की रफ्तार कम है। जबकि मार्च माह के अंतिम सप्ताह में भारी गर्मी व तेज धूप शुरू हो चुका है। अप्रैल माह में गर्मी व धूप और बढ़ने की आशंका है, ऐसे में भू जलस्तर के नीचे जाने की आशंका है। बोर पंपों के बंद होने के बाद रबी धान फसल बचा पाना किसानों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि अब धान फसल को अधिक सिंचाई पानी की जरूरत है।
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