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मुख्यमंत्री को कुलपति बनाए जाने के फैसले के विरोध में छात्रों ने खोला मोर्चा

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के उस फैसले का विरोध शुरू हो गया, जिसके तहत राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों (universities) के पदेन कुलाधिपति घोषित किया जायेगा। गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में पारित उक्त प्रस्ताव पर ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (एआईडीएसओ) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कैबिनेट के इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है।

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संगठन के प्रदेश सचिव मणिशंकर पटनायक ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा, "हम राज्य के विश्वविद्यालयों (universities) के कुलाधिपति के रूप में मुख्यमंत्री को नियुक्त करने के राज्य कैबिनेट के फैसले की कड़ी निंदा करते हैं। विश्वविद्यालय (universities) के कुलाधिपति का पद पूरी तरह से शैक्षिणक विषय है, और अब तक उस पद पर राज्यपाल जैसे राजनीतिक व्यक्ति को रखना उचित नहीं था। इसी तरह मुख्यमंत्री को पदेन कुलाधिपति घोषित करना भी गलत है।

इस पद पर मुख्यमंत्री की नियुक्ति से शैक्षणिक परिसर के लोकतांत्रिक माहौल को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाएगा। यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में सभी स्तरों पर संकीर्ण गुटबाजी की दिशा में एक कदम है। राज्यपाल के साथ राज्य सरकार के विवाद पर आधारित यह निर्णय पूरी तरह से राजनीतिक है, जो लोकतांत्रिक शिक्षा ढांचे के विपरीत है। हम मांग करते हैं कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए।"

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