संयुक्त किसान मोर्च ने ठुकराया केंद्र सरकार का प्रस्ताव

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New Delhi: Farmers from Punjab, Haryana and Uttar Pradesh arrive at Vigyan Bhawan for a meeting with union agriculture minister over new farm laws in New Delhi on Wednesday. 20 January 2021 (Photo: Bidesh Manna/IANS)
New Delhi: Farmers from Punjab, Haryana and Uttar Pradesh arrive at Vigyan Bhawan for a meeting with union agriculture minister over new farm laws in New Delhi on Wednesday. 20 January 2021 (Photo: Bidesh Manna/IANS)

नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा में सरकार द्वारा बुधवार को रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया। यह जानकारी मोर्चा की तरफ से जारी एक बयान में दी गई। तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात, इस आंदोलन की मुख्य मांगो के रूप में दोहराई गई।

सयुंक्त किसान मोर्चा ने कहा कि, “इस आंदोलन में अब तक शहीद हुए 147 किसानों को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हैं। इस जनांदोलन को लड़ते लड़ते ये साथी हमसे बिछड़े हैं। इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।” पुलिस प्रशासन के साथ हुई बैठक में पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश न करने की बात कही, वहीं किसानों ने दिल्ली की रिंग रोड पर परेड करने की बात दृढ़ता और जोर से रखी।

शांतिपूर्ण चल रहा यह आंदोलन अब देशव्यापी हो चुका है। कर्नाटक में अनेक स्थानों पर वाहन रैलियों के माध्यम से किसान गणतंत्र दिवस के लिए एकजुट हो रहे हैं। केरल में कई जगहों पर किसान ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं। उत्तराखंड के बिलासपुर व रामपुर समेत अन्य जगहों पर किसान ट्रैक्टर मार्च कर दिल्ली की किसान परेड की तैयारी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में किसान 23 जनवरी को राजभवन का घेराव करेंगे और एक जत्था दिल्ली की तरफ भी रवाना होगा।

“नवनिर्माण किसान संगठन की किसान दिल्ली चलो यात्रा, जो कि ओडिशा से चली थी, को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बार बार परेशान किया जा रहा है। उनके रुट बदलने से लेकर बैठके न करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। हम प्रशासन के इस बर्ताव का विरोध करते है।”

कोलकाता में 3 दिन का विशाल महापड़ाव 20 जनवरी से 22 जनवरी तक होगा। बुधवार को हुए विशाल कार्यक्रम में हजारों लोगो ने भाग लिया। आने वाले समय में और भी तेज होने की संभावना है। मजदूर किसान शक्ति संगठन के नेतृत्व में किसान, मजदूर व आम लोग शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं। कठपुतली और गीतों के माध्यम से नव उदारवादी नीतियों का विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।