नई दिल्ली: आईआईटी दिल्ली का पहला विदेशी कैंपस 2 महीने बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी (IIT Delhi Campus in Abu Dhabi) में शुरू होगा। यहां पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश जनवरी 2024 से शुरू किए जाएंगे। गुरुवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संयुक्त अरब अमीरात की राज्य मंत्री और प्राथमिक शिक्षा (एडीईके) की अध्यक्ष सारा मुसल्लम से भी बात की।
उन्होंने आईआईटी अबू धाबी में आईआईटी दिल्ली के अंतरिम परिसर का भी दौरा किया। प्रधान ने कहा कि ऊर्जा परिवर्तन और स्थिरता पर पहला पीजी पाठ्यक्रम जनवरी 2024 में आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी परिसर में शुरू होगा। प्रधान ने आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी परिसर को समर्थन देने के लिए सारा मुसल्लम और अबू धाबी नेतृत्व की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी परिसर भारत-यूएई दोस्ती का प्रतीक होगा। जायद विश्वविद्यालय स्थित आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी के अंतरिम परिसर की अपनी यात्रा के दौरान प्रधान ने कहा कि यह हमारे दोनों देशों के नेतृत्व की साझा दृष्टि और प्राथमिकताओं का प्रमाण है। आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी परिसर भारत की शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
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इन पाठ्यक्रमों का होगा संचालन
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि इससे आपसी समृद्धि और वैश्विक कल्याण के लिए ज्ञान की शक्ति का लाभ उठाने के अपार अवसर खुलेंगे। आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी परिसर 2024 में अपने शैक्षणिक कार्यक्रम और कई स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। इसमें टिकाऊ ऊर्जा और जलवायु अध्ययन से संबंधित अनुसंधान केंद्रों के साथ-साथ कंप्यूटिंग और डेटा विज्ञान से संबंधित कार्यक्रम चलाने की संभावना है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी भी ऊर्जा और स्थिरता, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग, गणित और कंप्यूटिंग और इंजीनियरिंग, विज्ञान और मानविकी के अन्य विषयों को कवर करने वाले विविध कार्यक्रमों की पेशकश करने की संभावना है।
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