नई दिल्लीः ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी के किसान आंदोलन के दौरान केंद्र का विरोध करने वाले अकाउंट को बंद करने के लिए मोदी सरकार द्वारा ‘दबाव’ बनाने के दावे की केंद्र सरकार ने आलोचना की है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह ट्विटर (Twitter Controversy) के इतिहास के उस बहुत ही संदिग्ध दौर को मिटाने का प्रयास है।
जैक डॉर्सी दावा सरकार ने दी थी धमकी
दरअसल, डोर्सी ने यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट्स को दिए एक इंटरव्यू में आरोप लगाया कि ये धमकियां तब दी गईं, जब ट्विटर (Twitter Controversy) ने 2021 की शुरुआत में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान खातों को ब्लॉक करने की सरकार की मांगों को मानने से इनकार कर दिया। इस पर राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि कोई भी जेल नहीं गया। न ही इस दौरान ट्विटर को बंद किया गया। चंद्रशेखर ने एक ट्वीट में कहा, यह जैक डोर्सी का एक खुला झूठ है, शायद ट्विटर के इतिहास के उस बेहद संदिग्ध दौर को मिटाने की कोशिश है। डोर्सी और उनकी टीम के नेतृत्व में ट्विटर बार-बार और लगातार भारतीय कानून का उल्लंघन कर रहा था।
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केंद्रीय मंत्री का पलटवार
मंत्री ने कहा कि वास्तव में वे 2020 से 2022 तक बार-बार कानून का उल्लंघन कर रहे थे और आखिरकार जून 2022 में इसका अनुपालन किया गया। चंद्रशेखर ने कहा, किसी पर छापा नहीं मारा गया और किसी को जेल नहीं भेजा गया। हमारा ध्यान केवल भारतीय कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करने पर था। डोर्सी को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में परेशानी हुई। उन्होंने ऐसा व्यवहार किया जैसे भारत के कानून उन पर लागू नहीं होते।
डोर्सी ने कहा कि भारत ने बनाया दबाव था
इंटरव्यू में डोर्सी ने कहा कि भारत ने प्लेटफॉर्म पर दबाव बनाया। जब उनसे अपने कार्यकाल के दौरान विदेशी सरकारों के दबाव के कुछ उदाहरण देने के लिए कहा गया, तो उन्होंने भारत का उदाहरण देते हुए कहा, ‘हम आपके कर्मचारियों के घरों पर छापा मारेंगे, जो उन्होंने किया। यदि आप नियमों का पालन नहीं करते तो आपके ऑफिस बंद कर देंगे। यह भारत है, एक लोकतांत्रिक देश।”
डोर्सी ने कहा, भारत एक ऐसा देश है, जहां से किसान आंदोलन के दौरान हमारे पास बहुत सी मांगें आ रहीं थीं। कुछ खास पत्रकार जो सरकार के आलोचक थे, उनके बारे में। एक तरह से हमसे कहा गया कि हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे। भारत हमारे लिए बड़ा बाजार जवाब में चंद्रशेखर ने कहा कि एक संप्रभु राष्ट्र के तौर पर भारत को यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि भारत में काम करने वाली सभी कंपनियां उसके कानूनों का पालन करें।
2021 में किसानों से किया था विरोध प्रदर्शन
मंत्री ने कहा, जनवरी 2021 में विरोध प्रदर्शनों के दौरान बहुत सारी गलत सूचनाएं और यहां तक कि नरसंहार की खबरें भी आईं, जो निश्चित रूप से फर्जी थीं। भारत सरकार को मंच से गलत सूचनाओं को हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि इसमें फर्जी खबरों के आधार पर स्थिति को और भड़काने की क्षमता थी। उन्होंने कहा कि जैक के समय में ट्विटर को भारत में गलत सूचनाओं को हटाने में समस्या थी, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में इसी तरह की घटनाएं होने पर उसने ऐसा खुद ही किया था।
मंत्री ने कहा कि जैक के दौरान ट्विटर (Twitter Controversy) की मनमानी, स्पष्ट रूप से पक्षपाती और भेदभावपूर्ण आचरण और उसके मंच पर सत्ता के दुरुपयोग के बारे में अब सार्वजनिक डोमेन में पर्याप्त सबूत हैं। उन्होंने आगे कहा, डोर्सी के समय ट्विटर न केवल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14,19 का उल्लंघन कर रहा था, बल्कि गलत सूचना को हथियार बनाने में भी मदद कर रहा था। मंत्री ने कहा, भारत में सक्रिय सभी सोशल मीडिया मध्यस्थों को यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनों का पालन करना होगा कि इंटरनेट सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह है।
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