Sunday, December 22, 2024
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मिशन 2022 को लेकर सुपरएक्टिव हुआ संघ, अरुण कुमार संभालेंगे संघ-भाजपा के बीच समन्वय की जिम्मेदारी

नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा के बीच संपर्क और समन्वय की कमान अब सह सरकार्यवाह (ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी) अरुण कुमार देखेंगे। अभी तक यह जिम्मेदारी सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल देख रहे थे। आरएसएस में एक और महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है। ओडिशा और बंगाल के क्षेत्रीय प्रचारक प्रदीप जोशी को अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख की जिम्मेदारी मिली है। यह निर्णय आरएसएस की चित्रकूट में चल रही अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में लिया गया।

दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक में बीते मार्च में नेतृत्व परिवर्तन हो चुका है। मार्च में हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में सुरेश भैय्याजी जोशी के कार्यमुक्त होने के बाद दत्तात्रेय होसबाले को नया सह कार्यवाह (महासचिव) चुना गया था। उस दौरान दत्तात्रेय होसबाले ने अपनी नई टीम की भी घोषणा की थी। तभी से माना जा रहा था कि संघ और भाजपा के बीच समन्वय की जिम्मेदारी देख रहे सर सरकार्यवाह (ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी) डॉ. कृष्णगोपाल की जगह नए चेहरे को मौका मिल सकता है, क्योंकि डॉ. कृष्णगोपाल को यह जिम्मेदारी तत्कालीन सहकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी के समय मिली थी और अटकलें लग रही थीं कि दत्तात्रेय होसबाले नई टीम में शामिल किसी सह सरकार्यवाह को यह जिम्मा सौपेंगे। इस बीच सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत की मौजूदगी में चल रही चित्रकूट बैठक में संघ से भाजपा के संपर्क अधिकारी की जिम्मेदारी के लिए रविवार को अरुण कुमार को चुना गया।

गौरतलब है कि अरुण कुमार बीते मार्च में ही सह सरकार्यवाह चुने गए थे। ऐसे में अब वह संघ और भाजपा के बीच समन्वय की भी जिम्मेदारी देखेंगे। बता दें कि संघ से भाजपा के बीच समन्वय की जिम्मेदारी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। भाजपा से जुड़े हर मुद्दे पर संघ के संपर्क अधिकारी की राय को काफी अहमियत मिलती है। यही वजह रही कि भाजपा की राजनीति में डॉ. कृष्णगोपाल के भी कई फैसलों की अहमियत होती थी। सूत्रों का कहना है कि संघ अपनी मंशा को संपर्क अधिकारी के माध्यम से ही भाजपा नेतृत्व को बताता है।

6 राज्यों के विधानसभा चुनावों पर फोकस

उल्लोखनीय है कि उत्तर प्रदेश सहित 6 राज्यों में विधानसभा चुनाव जिनमें भाजपा की साख दांव पर लगी है। संघ में हुए इस बड़े बदवाल को विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। आरएसएस ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का भी निर्णय लिया है जिसमें लोगों की इस धारणा को बदलने की कोशिश की जाएगी की कोरोना महामारी की दूसरी लहर के लिए सरकार तैयार नहीं थी और कोविड महामारी की तीसरी लहर के प्रकोप के मामले में भी लोगों और प्रशासन की सहायता की जा सके।

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आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने एक बयान में कहा कि कार्यक्रम में एक विशेष मॉड्यूल होगा जो कार्यकर्ताओं को आवश्यक सावधानियों के साथ माताओं और बच्चों को सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। कोरोना के बीच आरएसएस की 39,454 शाखाएं देश भर में काम कर रही थीं और वह अपने कार्यकर्ताओं को कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर के लिए सहायता कार्य करने के लिए राष्ट्रव्यापी प्रशिक्षण दे।

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