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नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों के भरे जाएंगे खाली पद, जानिए किस राज्य में कितने पद खाली

लखनऊ: देश के राज्यों के सरकारी स्कूलों में अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों के खाली पड़े पद भरे जाएंगे। बता दें, नीति की शुरुआत में ही शिक्षकों की वैकेंसी भरने पर फोकस किया गया था। हालांकि, राज्यों के लिए यह एक कठिन लक्ष्य है। इसके बावजूद इस नीति में शिक्षकों के खाली पदों को समयबद्ध तरीके से जल्द-से-जल्द भरने पर जोर दिया गया है। यह नीति छात्र-शिक्षक अनुपात पर खास ध्यान देगी। पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, सबसे पहले समय रहते शिक्षकों की वैकेंसी को भरा जाएगा।

शिक्षा मंत्रालय भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तेजी से आगे बढ़ाने में जुटा है। फिलहाल राज्यों से शिक्षकों के खाली पदों का ब्योरा जुटाया गया है। वर्तमान में राज्यों से जुटाए गए ब्योरे के मुताबिक, देश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 10 लाख से ज्यादा पद खाली हैं। शिक्षकों के सबसे ज्यादा खाली पद उत्तर प्रदेश और बिहार में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद करीब 7.52 लाख हैं। इनमें से 2.17 लाख पद खाली है। वहीं बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद 6.88 लाख हैं। इनमें 2.75 लाख पद खाली हैं। ऐसी ही स्थिति मध्य प्रदेश, बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों की भी है, जहां शिक्षकों के हजारों पद खाली पड़े हैं।

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शुरुआत में ही शिक्षकों के खाली पदों को भरने पर दिया जोर

खास बात यह है कि हाल ही में आई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूलों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को लेकर चिंता जताई गई है। इसके क्रियान्वयन की जो रूपरेखा तय की गई है, उनमें नीति के अमल की शुरुआत में ही शिक्षकों के खाली पदों को भरने की सिफारिश की गई है। इसके लिए राज्यों को एक समयबद्ध योजना बनाने का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही कहा गया है कि प्रत्येक स्कूल में छात्र- शिक्षक के अनुपात को ठीक करने की जरूरत है। इसके तहत प्रत्येक 30 छात्र पर एक शिक्षक का होना जरूरी है।

वहीं सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित बच्चों की अधिकता वाले क्षेत्रों में प्रत्येक 25 बच्चों पर एक शिक्षक रखने को कहा गया है। शिक्षा मंत्रालय भी नीति के अमल के पहले दौर में ही राज्यों से शिक्षकों की कमी को खत्म करने को लेकर बातचीत की तैयारी में है। इसे लेकर तैयारी चल रही है। आने वाले दिनों में राज्यों से इसे लेकर प्लान मांगा जा सकता है।

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इन राज्यों में इतने पद खाली

बिहार --2.75 लाख, उत्तर प्रदेश--2.17 लाख, झारखंड --95 हजार, मध्य प्रदेश--91 हजार, बंगाल- -72 हजार, राजस्थान- 47 हजार, छत्तीसगढ़- 51 हजार, आंध्र प्रदेश- 34 हजार, उत्तराखंड- 18 हजार

इन चीजों पर दिया जाएगा खास ध्यान

प्लान के तहत मूलभूत साक्षरता और मूल्य आधारित शिक्षा के साथ संख्यात्मकता पर फोकस किया जाएगा, सामान्यत: प्री और मिडिल स्कूल पाठ्यक्रम में पढ़ने, लिखने, बोलने, गिनने और अर्थमेटिक और मैथ्स थिंकिंग पर खासा ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रत्येक छात्र की लर्निंग को सुनिश्चित करने के लिए सतत रूपात्मक/अनुकूली मूल्यांकन की मजबूत प्रणाली बनाई जाएगी।