नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा के आरोपित उमर खालिद ने कहा है कि दिल्ली हिंसा को लेकर उसके खिलाफ दाखिल चार्जशीट न्यूज चैनलों के रात नौ बजे के न्यूज स्क्रिप्ट की तरह है। एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 6 सितंबर को करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से वकील त्रिदिप पायस ने कहा कि यूएपीए के मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल पूरा चार्जशीट अमेजन प्राइम शो फैमिली मैन के स्क्रिप्ट की तरह लगता है। पुलिस को समझना चाहिए कि वो चार्जशीट लिख रहे हैं न कि फैमिली मैन की स्क्रिप्ट। उन्होंने कहा कि चार्जशीट में आरोपों के समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं है।
पायस ने कहा कि चार्जशीट में ऐसे आरोप लगा गए हैं जैसे कि लगता है कि ये किसी न्यूज चैनल के रात नौ बजे के न्यूज की स्क्रिप्ट हो। पायस ने कहा कि चार्जशीट जांच अधिकारी की कल्पना का नतीजा है। पायस ने कहा कि उमर खालिद की ओर से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शनों को सांप्रदायिक बताने की कोशिश की गई।
पिछले 23 अगस्त को सुनवाई के दौरान पायस ने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ 6 मार्च 2020 को एफआईआर दर्ज किया गया और गिरफ्तारी 13 सितंबर 2020 को की गई। दिल्ली दंगों के मामले में उमर खालिद की ये पहली गिरफ्तारी थी। इस मामले में उमर खालिद से पहली पूछताछ 30 जुलाई 2020 को हुई । जब भी उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया वो बिना देरी किए पहुंचा। खालिद पूछताछ के लिए गुवाहाटी से दिल्ली आया। उमर खालिद नोटिस पर आया था जब उसे गिरफ्तार किया गया। उसे कहीं से गिरफ्तार नहीं किया गया। उन्होंने कहा था कि उमर खालिद को दूसरे एफआईआर नंबर 101 में 1 अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार किया गया। उस मामले में उसे जमानत मिल चुकी है।
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उमर खालिद को 13 सितंबर 2020 को पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने रात में गिरफ्तार कर लिया था। 17 सितंबर 2020 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 16 सितंबर 2020 को स्पेशल सेल करीब 18 हजार पन्नों का चार्जशीट लेकर दो बक्सों में पहुंची थी।
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