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उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर को 8 महीने में मिला 1.35 अरब रुपए का दान, रिकॉर्ड संख्या में आ रहे श्रद्धालु

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उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर को विभिन्न स्रोतों से मिलने वाले दान में भारी वृद्धि हुई है। पिछले 8 महीनों के दौरान मंदिर को 1.35 अरब रुपये मिले हैं। दर्शन-पूजन के लिए रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। रविवार को मंदिर प्रबंध समिति की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, महाकाल महालोक के उद्घाटन के बाद से ही महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। यही कारण है कि दान और प्रसाद प्राप्त करने के मामले में महाकालेश्वर मंदिर अरबपति धार्मिक स्थलों की सूची में शामिल हो गया है।

मंदिर समिति को 1 जनवरी से 12 सितंबर 2023 की अवधि में विभिन्न स्रोतों से एक अरब 35 करोड़ 66 लाख 91 हजार रुपये प्राप्त हुए हैं। इसमें गर्भगृह दर्शन, शीघ्र दर्शन, भस्म आरती, लड्डू बिक्री, अनुमति चढ़ावा शुल्क सहित दान शामिल है। इस दौरान 3 करोड़ 50 लाख से ज्यादा भक्तों ने बाबा के दर्शन किये। इस कारण मंदिर समिति को मिलने वाला दान बढ़ गया है। महाकाल मंदिर में लगी दान पेटियों के अलावा श्रद्धालु ऑनलाइन सुविधा का भी लाभ उठा रहे हैं और एडवांस बुकिंग कराकर दान कर रहे हैं।

38.56 करोड़ के लड्डू बिके

सावन और भादौ के दो महीनों में मंदिर समिति को दान, भस्म आरती, बुकिंग और अन्य माध्यमों से 56 करोड़ 25 करोड़ 10 लाख रुपये मिले। लड्डू प्रसाद के पास से 15।35 करोड़ रुपये मिले हैं। मंदिर में मिलने वाले लड्डू प्रसाद की देशभर में मांग है। देश-विदेश से आने वाले भक्त प्रसाद के रूप में अपने साथ लड्डू ले जाते हैं। महाकाल लोक बनने के बाद लड्डू प्रसादी की बिक्री भी बढ़ गई। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं ने लड्डू प्रसाद खरीदने का भी रिकॉर्ड बनाया है। 1 जनवरी से 12 सितंबर तक 38 करोड़ 56 लाख 34 हजार 888 रुपये के लड्डू बेचे गए हैं।

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ऑनलाइन होने से बढ़ रही एडवांस बुकिंग

मंदिर प्रबंधन समिति ने सप्ताह में चार दिन मंगलवार से शुक्रवार तक दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक भक्तों के लिए गर्भगृह के नि:शुल्क दर्शन की व्यवस्था की है। वहीं, सशुल्क दर्शन सुबह 7।30 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 6 बजे से 8 बजे तक आयोजित किए जा रहे हैं। सुबह और शाम के इन दो स्लॉट में गर्भगृह में प्रवेश के लिए प्रत्येक व्यक्ति को 750 रुपये का शुल्क देना होगा। इसके अलावा भस्म आरती की अनुमति के लिए प्रति व्यक्ति 200 रुपये का शुल्क निर्धारित है। अगर भक्त जल्दी दर्शन करना चाहते हैं तो वे 250 रुपये का शीघ्र दर्शन टिकट ले सकते हैं।

इधर खर्च भी बढ़ गया…

मंदिर का क्षेत्रफल 2.82 हेक्टेयर था, जो महाकाल महलोक के कारण विस्तार के बाद 47 हेक्टेयर हो जायेगा। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी के मुताबिक, महाकाल मंदिर के विस्तार और सुविधाएं बढ़ने से प्रबंधन समिति के खर्चे भी बढ़ गए हैं। महाकाल मंदिर में कुल 306 मंदिर समिति के कर्मचारी हैं, जिनके वेतन से लेकर मंदिर की सुरक्षा, साफ-सफाई, कई निर्माण कार्य, मंदिर का रखरखाव, उत्सव मंदिर की व्यवस्था, धर्मशाला, भोजन क्षेत्र, महाकालेश्वर वैदिक अनुसंधान संस्थान शामिल हैं। , गौशाला, सांस्कृतिक कार्यक्रम पर सबसे ज्यादा खर्च होता है। इसके अलावा महाशिवरात्रि पर्व, सावन माह, नागपंचमी समेत अन्य त्योहारों पर भी अधिक खर्च होता है। पहले मंदिर का खर्च 2।5 करोड़ रुपये प्रति माह था, जो बढ़कर करीब 8 करोड़ रुपये हो गया है।

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