Diwali 2024: देश में सबसे पहले दिवाली का त्यौहार उज्जैन ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में मनाया गया। गुरुवार को सुबह-सुबह भस्म आरती के दौरान महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया गया। पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान को केसर, चंदन, इत्र का लेप लगाया। प्रसाद के रूप में अन्नकूट का भोग भी लगाया गया। रूप चौदस और दिवाली की शुरुआत फुलझड़ी जलाकर की गई।
Diwali 2024: महाकाल को गर्म जल से कराया गया स्नान
महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने बताया कि सुबह चार बजे भस्म आरती के दौरान स्नान के बाद दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से महाकाल की पूजा की गई। कार्तिक मास की चौदस से सर्दी का मौसम शुरू माना जाता है। इसलिए महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया गया। आज से महाशिवरात्रि तक भगवान को गर्म जल से ही स्नान कराया जाएगा।
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उन्होंने बताया कि रूप चौदस के चलते पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान को सुगंधित पदार्थ से बना लेप लगाया। भगवान के श्रृंगार के बाद प्रसाद के रूप में अन्नकूट का भोग लगाया गया। इसमें थाली में धान, खाजा, शक्कर पारे, गूंजे, पापड़ी, मिठाई और मूली व बैगन की सब्जी चढ़ाई गई। इसके बाद दिव्य भस्म आरती की गई। फुलझड़ी जलाकर दिवाली भी मनाई गई।
जबलपुर और ग्वालियर भी नहीं रहा पीछे
उज्जैन के महाकाल मंदिर के अलावा मध्य प्रदेश के अयोध्या यानी ओरछा में रामराजा मंदिर और राज्य के अन्य मंदिरों में अलौकिक और अतुलनीय वैभव है। राजधानी भोपाल बेहद खूबसूरत दिख रही है, वहीं अहिल्या बाई की नगरी और राज्य की आर्थिक राजधानी इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर भी पीछे नहीं हैं।
दिवाली से एक दिन पहले 30 अक्टूबर को मध्य प्रदेश पूरी तरह जगमगा उठा है। गली-मोहल्लों, शॉपिंग मॉल, सरकारी और गैर-सरकारी भवनों पर रंग-बिरंगी रोशनी है। आसमान में आतिशबाजी हो रही है और जमीन दीयों और झूमरों से जगमगा रही है।