Ujjain Mahakal: मध्य प्रदेश के उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल के दरबार में श्रावण (सावन) माह के आठवें और अंतिम सोमवार को आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। आधी रात से ही लोगों का आना शुरू हो गया। सुबह ढाई बजे पट खुलते ही परिसर महाकाल के जयकारों से गूंज उठा। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इसके बाद दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ। लोग कतारों में लगे हुए हैं। शाम 4 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी। अवंतिकानाथ एक साथ आठ रूपों में भक्तों को दर्शन देते थे और अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण करते थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी आज भगवान के दर्शन करने पहुंचेंगे।
दूध-दही, घी और शहद से बने पंचामृत से किया महाकाल अभिषेक
परंपरा के अनुसार इस बार सावन का आखिरी सोमवार और सोम प्रदोष एक साथ पड़ा है। इस विशेष संयोग में भस्म आरती के लिए रात 12 बजे से ही श्रद्धालु कतार में लग गए। मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि सुबह होने से ठीक पहले भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल ( Mahakal) की पूजा की गई। गर्भगृह में स्थापित भगवान की सभी प्रतिमाओं का दही, दूध, घी, शकर, शहद से बने पंचामृत से अभिषेक कर भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना की।
हरिओम को जल और कपूर की आरती के बाद भांग, चंदन, अबीर के साथ ही मस्तक पर चंद्रमा और आभूषण चढ़ाकर राजा के रूप में सजाया गया। इसके बाद भगवान को भस्म अर्पित की गई। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। भस्म आरती में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता जयवर्धन सिंह भी शामिल हुए। श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में भगवान महाकालेश्वर की आठवीं सवारी शाम 4 बजे निकलेगी।
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इस दौरान भगवान महाकालेश्वर ( Mahakal) आठ स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। सवारी के दौरान भगवान महाकालेश्वर चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में विराजित रहेंगे। वहीं हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव और नंदी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर राज्य के मुखारविंद, नए रथ पर घटाटोप स्वरूप और दूसरे नए रथ पर जटाशंकर और रथ पर ही नए स्वरूप रुद्रेश्वर मुखारविंद हैं। अपने विषयों की स्थिति में भाग लें। यह जानने के लिए शहर भ्रमण पर निकलूंगा।
शाम को निकलेगी महाकालेश्वरकी सवारी, जवान देंगे सलामी
सवारी निकलने से पहले महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर की विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद भगवान चंद्रमौलेश्वर पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में विराजमान भगवान को सलामी देंगे। इसके बाद सवारी पारंपरिक मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बख्शी बाजार और कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंचेगी, जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया जाएगा। इसके बाद सवारी पारंपरिक मार्ग से होते हुए पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी भगवान महाकाल के दर्शन करने आएंगे। भाजपा जिला अध्यक्ष बहादुर सिंह बोरमुंडला ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवान महाकाल के दर्शन और पूजा-अर्चना करेंगे।
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