नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभागों व कॉलेजों में शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो रही है। इसके लिए विश्ववविद्यालय ने कॉलेज प्रिंसिपलों को अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग व शॉर्टलिस्टिंग संबंधी गाइडलाइंस भेजी है। इसको लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के सैकड़ों एडहॉक शिक्षक परेशान हैं। उनका कहना है कि इस गाइडलाइंस के अनुसार बिना पीएचडी एससी, एसटी ,ओबीसी व विकलांग अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए कॉल नहीं आएगा, जबकि यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय ने सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में पीएचडी से छूट दी है।
इन एडहॉक शिक्षकों में ज्यादातर इंग्लिश, इकनॉमिक्स, कॉमर्स और साइंस सब्जेक्ट्स के एडहॉक टीचर्स हैं। एम ए, एम. कॉम, एमएससी ,नेट, जेआरएफ के आधार पर एडहॉक टीचर्स लगे हुए हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने अब यूजीसी और दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर से मांग की है कि शिक्षा मंत्रालय के 5 दिसम्बर 2019 के सकरुलर को लागू करते हुए एडहॉक टीचर्स को परमानेंट अपॉइंटमेंट्स के इंटरव्यू के समय सभी को बुलाया जाए।
पिछले दिनों शिक्षा मंत्रालय व यूजीसी ने भी विश्वविद्यालय व कॉलेजों को एससी, एसटी ,ओबीसी के बैकलॉग पदों को भरने के दिशा निर्देश दिए थे। स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी नई गाइडलाइंस के अनुसार एक पोस्ट पर नियुक्ति के लिए 30 अभ्यर्थियों को बुलाने को कहा है साथ ही जो यूजीसी गाइडलाइंस के अनुसार एपीआई स्कोर पूरा करते हैं, उनका नाम वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा और उन्हीं अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में बुलाया जाएगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय के बहुत से कॉलेजों के एडहॉक टीचर्स का कहना है कि विश्वविद्यालय द्वारा भेजी गई गाइडलाइंस के अनुसार 10 से 20 फीसदी वे एडहॉक टीचर्स जो पिछले कई वर्षों से कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं और जो एमए, एमकॉम, एमएससी आदि नेट ,जेआरएफ पास करने के बाद अध्यापन से जुड़े हैं वे सिस्टम से बाहर हो जाएंगे।
शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने सभी एलिजिबल केंडिडेट्स को इंटरव्यू में बुलाने की मांग की है। दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विभागों के लगभग 850 पदों पर व कॉलेजों में 5000 से अधिक स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए डीयू के विभिन्न विभागों और संबद्ध कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के पदों को भरने के लिए स्क्रीनिंग का कार्य चल रहा है।
उन्होंने बताया है कि यह स्क्रीनिंग सब पुराने विज्ञापनों के आधार पर पदों को निकाला गया था जबकि उन विज्ञापनों की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कॉलेजों को भेजी गई गाइडलाइंस के अनुसार कॉलेजों द्वारा तय किए गए शॉर्ट लिस्टिंग क्राइटेरिया के अंतर्गत सहायक प्रोफेसर पद के उम्मीदवारों को इंटरव्यू पर बुलाने के लिए एपीआई स्कोर तय किया गया है। जो अभ्यर्थी अभी सिस्टम में नहीं आए हैं और वे एम.ए ,एम .कॉम ,एमएससी नेट जेआरएफ से है तथा एनुअल मोड से पढ़ाई की है वे एलिजिबल नहीं होंगे।
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गौरतलब है कि एडहॉक शिक्षकों ने गत वर्ष वाइस चांसलर के ऑफिस पर धरना प्रदर्शन किया था तब शिक्षा मंत्रालय ने 5 दिसम्बर 2019 को सकरुलर जारी कर उसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि जब तक एडहॉक टीचर्स की परमानेंट नियुक्ति नहीं हो जाती है उन्हें निकाला नहीं जाएगा। साथ ही जब भी परमानेंट पदों पर इंटरव्यू होंगे, उन्हें इंटरव्यू में वेटेज देते हुए प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन एडहॉक शिक्षकों को एपीआई स्कोर के नाम पर बाहर न करे।
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