लखनऊ: 3 सितम्बर शनिवार को यूपी एसटीएफ को कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रूपये की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के मास्टरमाइंड सहित 02 सदस्यों को नई दिल्ली से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। युवाओं के सपनों को बेचकर अपनी तिजोरी भर रहे इन ठगों की गिरफ्तारी के साथ ही एक शातिर गिरोह की काली करतूतों का भांडाफोड़ भी हो गया।
यूपी एफटीएफ के हत्थे चढ़े आरोपियों में रायबरेली निवासी राजकुमार सिंह व नई दिल्ली के राजौरी गार्डन निवासी गौरव सेट्ठी हैं। इनको नई दिल्ली के अशोक मार्ग स्थित वाईडव्लूसीए बिल्ड़िग से 16:05 बजे कमरा नम्बर 102 से गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से 17 डेबिड व क्रेडिट कार्ड, 6 माबोइल, 2 ड्राइविंग लाइसेंस, 19 चेक लीफ, 5 आधार कार्ड, 10 चेक बुक, 3 पैन कार्ड, 3 प्रवेश पत्र, 7 सिम कार्ड, 2 आर्मी पहचान पत्र, 2 मोहर के अलावा एक-एक मेम्बरशिप कार्ड, पासपोर्ट, लीकर कार्ड, टोल कार्ड, पासबुक, रिवाल्वर मय लाइसेंस, आर्मी हॉस्पिटल व कैन्टीन का कार्ड, 1480 कैश और एक ब्रेजा कार (डीएल 2सी बीसी 5860) बरामद हुई।
एसटीएफ की पैनी नजरों से नहीं बच सके ठग
यूपी एसटीएएफ को बीते काफी समय से विभिन्न सरकारी विभागों में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले संगठित गिरोहों के करतूतों की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ मुख्यालय स्थित एक साइबर टीम को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए लगाया गया। इसी क्रम में एसटीएफ के प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह द्वारा मुख्यालय स्थित साइबर टीम को सूचना संकलन की कार्रवाई हेतु निर्देशित किया गया। मुख्यालय स्थित साइबर टीम द्वारा सूचना संकलन की कार्रवाई प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया।
रेलवे व एफसीआई जैसे सरकारी संस्थानों में नौकरी का देते थे झांसा
एसटीएफ के विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि गिरफ्तार दोनों अभियुक्त राजकुमार सिंह और गौरव सेट्टी रेलवे व एफसीआई व विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह के सदस्य है। जिनके द्वारा बेरोजगार युवकों से कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर ठगी की जा रही थी।
वाराणसी में दर्ज है इनके खिलाफ 26 लाख के फर्जीवाड़े का मुकदमा
एसटीएफ के विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि सुनील कुमार पटेल द्वारा थाना मिर्जामुराद, जनपद वाराणसी में मुअसं 68/2022 धारा 419/420/467/468/506 भादवि पंजीकृत कराया गया कि उनको व उनके साथ के 05 बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर राज कुमार सिंह व गौरव सेट्ठी द्वारा लगभग 26 लाख रूपये धोखाधड़ी कर हड़प लिए गये है। इस धोखाधड़ी के बारे में तकनीकी व मुखबिर द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर शनिवार दो सितम्बर 2022 को समय करीब 16:05 बजे उप निरीक्षक मनोज सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ की साइबर क्राइम टीम व थाना मिर्जामुराद जनपद वाराणसी की संयुक्त टीम द्वारा नई दिल्ली के अशोक मार्ग स्थित वाईडव्लूसीए बिलि्ंडग के रूम नं0 102 से उपरोक्त अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।
राजकुमार भारतीय सेना में दे चुका है सेवाएं
एसटीएफ की पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त राज कुमार सिंह उर्फ आरके सिंह ने बताया कि वह वर्ष 1994 में भारतीय सेना में सोल्जर जीडी के पद पर नियुक्त हुआ था। इस दौरान भारतीय सेना में विभिन्न स्थानों पर कार्यरत रहा और वर्ष जून 2011 में सेना से सेवा निवृत्त हो गया। बकौल राजकुमार सेवा निवृत्त होने के पश्चात विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी के लिए परीक्षाएं दी। इसी दौरान दिल्ली के कारोबारी रंजीत सिन्हा का पीएसओ बन गया और 02 वर्ष पीएसओ के रूप में उनके साथ रहा।
बकौल राजकुमार महेन्द्र सिंह धोनी के मैनेजर का रह चुका है पीएसओ
अगर राजकुमार की बात पर भरोसा किया जाए तो वर्ष 2014 से 2019 तक महेन्द्र सिंह धोनी के मैनेजर अरूण पाण्डेय का भी वह पीएसओ रहा।
लॉकडाउन में नौकरी गंवाने के बाद गौरव सेट्ठी से हुई थी मुलाकात लॉकडाउन में नौकरी न रहने के बाद दिल्ली के पहाड़गंज के होटल में सिद्दीकी (हकीम जी) सहारनपुर के माध्यम से गौरव सेट्ठी उपरोक्त से मुलाकात हुई। गौरव ने रेलवे की नौकरी में अपनी सेटिंग होने की बात कही। राजकुमार ने कहा कि गौरव ने उससे कहा कि अगर आपके घर-परिवार, दोस्त का कोई बच्चा, कोई बेरोजगार हो तो मैं रेलवे में भर्ती करा दूंगा। राजकुमार ने इस सिलसिले में अपने दोस्त राजेश, जो मुम्बई एयरपोर्ट में सीआईएसएफ में कार्यरत है, उनसे बात की। राजेश ने राजकुमार की बात पर भरोसा करते हुए अपने गांव में बात करके एक लड़की व चार लड़कों को रेलवे में भर्ती कराने का काम दिया व मेरे बैंक खातों में थोड़ा-थोड़ा करके 25 लाख रूपये डाले, मैंने गौरव सेट्ठी के खाते में 12 लाख रूपये ट्रान्सफर किये। गौरव सेट्ठी उक्त युवकों को रेलवे में भर्ती नहीं करवा पाया। जिसके उपरान्त सुनील कुमार पटेल अपने साथियों के साथ मेरे गांव गया व रूपये वापस करने के लिए दबाव बनाने लगा, जिसके बाद मैंने अपना मोबाइल बन्द कर दिया और छिप-छिप कर इधर-उधर रहने लगा। गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना मिर्जामुराद, जनपद वाराणसी में धारा 419/420/467/468/506 भादवि में मुकदमा पंजीकृत कर आगे की कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
UP STF ने विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रूपये की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के मास्टरमाइण्ड सहित 02 अभियुक्त दिल्ली से किया गिरफ्तार।@ipkhabar @uppstf @dgpup @PrashantK_IPS90 pic.twitter.com/qNw4DjwZsl
— pawan singh chauhan (@psclko) September 3, 2022