‘राम’ के सहारे सियासी वैतरणी पार करने की जुगत

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Ram par siyasat.

भोपाल: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने सियासी कदमताल तेज कर दी है, अब दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस राम के सहारे सियासी वैतरणी पार करने की जुगत में जुट गए हैं। रामनवमी पर एक तरफ सरकार तो दूसरी ओर विपक्षी दल कांग्रेस बड़े धार्मिक अनुष्ठान करने जा रही हैं। राज्य में दोनों ही राजनीतिक दल जनता का दिल जीतने की हर संभव कोशिश में लगे हैं। एक तरफ जहां भाजपा का संगठन काम कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिए आमजन के बीच अपनी पैठ मजबूत बनाने की कोशिश में लगी है, तो वहीं विरोधी दल कांग्रेस ने सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

रामनवमी के मौके पर दोनों ही दलों की ओर से बड़े धार्मिक अनुष्ठान किए जाने वाले हैं। सरकार ने बुंदेलखंड की अयोध्या कहे जाने वाले ओरछा में दीपदान कार्यक्रम का आयोजन किया है। आम जनों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आह्वान किया है कि वे रामनवमी के मौके पर ओरछा में एक दीपक जरूर जलाएं। इसी तरह चित्रकूट में भी भव्य आयोजन की तैयारी है। ओरछा में विशेष रामलीला महोत्सव भी आयोजित किया जा रहा है।

एक तरफ जहां सरकार ओरछा और चित्रकूट में महोत्सव आयोजित कर रही है, तो दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सभी कांग्रेस जनों से रामनवमी और हनुमान जयंती पर विशेष कार्यक्रमों के आयोजन के निर्देश दिए हैं। कुल मिलाकर दोनों ही राजनीतिक दल राम के सहारे सियासी वैतरणी को पार करने की जुगत में लग गए हैं और अपने को राम भक्त बताने में जरा भी हिचक नहीं दिखा रहे।

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कांग्रेस के लिए उनके ही विधायक आरिफ मसूद ने मुसीबत खड़ी कर दी है, क्योंकि मसूद ने रामनवमीं और हनुमान जयंती के कार्यक्रमों के आयोजन को कांग्रेस की रीति नीति के खिलाफ बताया है। इस पर भाजपा के प्रवक्ता डॉ. हितेश वाजपेई ने तंज कसते हुए कमलनाथ से आरिफ मसूद को बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा है कि अगर वे ऐसा नहीं करते है तो फर्जी हिंदू हैं।

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