भगवान बिरसा मुंडा की शहीदी दिवस पर दी श्रद्धांजलि, उलिहातु में होंगे विकास कार्य

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खूंटी: स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक भगवान बिरसा मुंडा के जन्म स्थान उलिहातु में शहीदी दिवस के अवसर पर उपायुक्त शशि रंजन ने शुक्रवार को उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वतंत्रता संग्राम के वीर योद्धा, नई चेतना के शिल्पी धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद उपायुक्त ने उलिहातु का भ्रमण कर अधिकारियों को प्रदेश में किए जाने वाले कार्यों व कार्ययोजना के संबंध में कई निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उलिहातु के विकास की कार्ययोजना के आधार पर चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जायेगा। स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, सिंचाई, पेयजल, बिजली, सड़क संपर्क, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं पर्यटन विकास सहित उलिहातु के विकास के लिए आवश्यक घटकों पर विशेष कार्य किया जायेगा। डीसी ने सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को क्रियाशील बनाने और स्थानीय स्तर पर लोगों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी को क्षेत्र के विकास को लेकर विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश दिये। डीसी ने बिजली की समस्याओं का समय पर निष्पादन करने का भी निर्देश दिया। साथ ही पेयजल व्यवस्था को लेकर बहु ​​ग्राम पाइप जलापूर्ति योजना चलाने के निर्देश दिये। डीसी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु में आकर लोगों को गर्व महसूस होता है कि हम अपने अदम्य साहस और चमत्कारी नेतृत्व क्षमता से अपनी अमर गाथा लिखने वाले भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर आए हैं। वे एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जो आम आदमी की पहचान से ऊपर उठे और ईश्वर का सम्मान हासिल किया।

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धनबाद में भगवान बिरसा मुंडा को दी गई श्रद्धांजलि

भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर उपायुक्त संदीप सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार, उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह, ग्रामीण एसपी रेशमा रमेशन, विशेष कर्तव्य अधिकारी सुशांत मुखर्जी सहित अन्य अधिकारियों ने बैंक मोड़ स्थित आदमकद प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उपायुक्त ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा देश की संस्कृति के संरक्षक थे। जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए लोगों को प्रेरित किया और अपने कर्म और धर्म की व्याख्या की, साथ ही ज्ञान का प्रकाश फैलाया। पारंपरिक भूमि अधिकारों, सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं की रक्षा के लिए उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अथक संघर्ष किया। इस मौके पर भगवान बिरसा मुंडा स्मारक संचालन समिति के महादेव हांसदा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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