शिमला (Himachal Pradesh): हिमाचल प्रदेश के जिलों में अब ट्रैफिक वालंटियर यातायात व्यवस्था संभालेंगे। डीजीपी संजय कुंडू ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय शिमला में ट्रैफिक वालंटियर योजना की शुरुआत की। ट्रैफिक वालंटियर योजना को लेकर पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश और एसओपी जारी कर दी गई है।
डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि ट्रैफिक वालंटियर योजना का उद्देश्य राज्य में यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करना है। यातायात के बेहतर प्रबंधन, सड़क सुरक्षा और जन जागरूकता के लिए, ट्रैफिक वालंटियर्स नामक एक स्वैच्छिक बल का गठन किया जाना है। जिला एसएसपी द्वारा यातायात स्वयंसेवकों को चिंतनशील सुरक्षा जैकेट, टोपी और आईडी कार्ड प्रदान किए जाएंगे। इस पर प्रमुखता से ट्रैफिक वालंटियर लिखा जाए ताकि आम जनता अपनी पहचान ट्रैफिक पुलिस से अलग देख सके।
ऐसे करें आवेदन
ट्रैफिक वालंटियर के रूप में काम करने के इच्छुक व्यक्ति अपना आवेदन फॉर्म/अंडरटेकिंग भरकर संबंधित जिले के एसएसपी या एआईजी/टीटीआर को ई-मेल के माध्यम से भेज सकते हैं। इसके अलावा ट्रैफिक स्वयंसेवक जिला यातायात नियंत्रण कक्ष या संबंधित पुलिस स्टेशनों में भी फॉर्म भर सकते हैं।
ये भी पढ़ें..UP: सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए कार्ययोजना तैयार, विभाग करेगा ये काम
ये होगी ट्रैफिक वॉलंटियर्स की ड्यूटी
- ट्रैफिक स्वयंसेवकों को अपने क्षेत्र के आसपास स्थित ट्रैफिक जंक्शनों, आसपास के कॉलेजों, पार्कों, उच्च शैक्षणिक संस्थानों, स्टेडियमों, मॉल, टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड, अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों और सरकारी निजी कार्यालयों आदि जैसे सार्वजनिक स्थानों पर यातायात कर्मियों के साथ यातायात का प्रबंधन करना होगा।
- सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देना और सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए लोगों की मदद करना।
- सड़कों पर गलत और अनावश्यक पार्किंग हटाने में पुलिस अधिकारियों की सहायता करना। पार्किंग स्थानों के संचालन में सहायता करना और नए पार्किंग स्थानों को चिह्नित करने में समन्वय करना।
- ट्रैफिक पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट को फॉलो/लाइक/कमेंट करके संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना। विशेष अवसरों और आयोजनों के दौरान यातायात प्रबंधन के लिए अतिरिक्त समय देना।
आवेदक की योग्यता
यातायात स्वयंसेवा के लिए आवेदक की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। आवेदक के पास यातायात को नियंत्रित करने और यात्रियों को जागरूक करने की शारीरिक और मानसिक क्षमता होनी चाहिए। यातायात संबंधी नियमों का पालन करना चाहिए। उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं होना चाहिए। अंग्रेजी या हिंदी भाषा और ट्रैफिक सिग्नल का अच्छा ज्ञान हो। अच्छी छवि होनी चाहिए। शहर यातायात प्रभारी यातायात स्वयंसेवक की मासिक प्रगति रिपोर्ट संबंधित पर्यवेक्षण अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)