मुरैना: मुरैना के यातायात थाने में पदस्थ आरक्षक हरेन्द्र जाट का शव कार्यालय में ही संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। पुलिस व एफएसएल दल द्वारा जांच में प्रथम दृष्टया यह माना जा रहा है कि शनिवार देर रात कार्यालय परिसर एक कक्ष में पंखे से रस्सी बांधकर फांसी लगाकर हरेन्द्र ने आत्महत्या की है। पंखे के नीचे मिले शव के दोनों हाथ बंधे हुये थे। जांच के दौरान पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें साथियों से परेशान होने की बात लिखी गई है।
रविवसार को शव का पोस्टमार्टम परिजनों की उपस्थिति में किये जाने के लिये रोका गया है। मुरैना के बैरियर चौराहे पर यातायात पुलिस थाना संचालित है। परिसर में स्थित हनुमान मंदिर के पुजारी द्वारा स्टोर रूम का दरवाजा न खुलने की सूचना दिये जाने पर पुलिस ने दरवाजा तोड़कर खोला, इस कक्ष में संदिग्ध हालत में आरक्षक हरेन्द्र जाट का शव मिला। जमीन पर गिरे शव के हाथ बंधे हुये थे।
घटना की जांच के लिये एफएसएल दल तथा पुलिस अधीक्षक सहित आलाधिकारी वहां पहुंच गये। जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है। आरक्षक लगभग डेढ़ वर्ष से मुरैना के यातायात थाना में पदस्थ था।
बताया जा रहा है कि मूलत: मथुरा-उत्तर प्रदेश का निवासी 23 वर्षीय हरेन्द्र ने शनिवार देर रात रस्सी पंखे रस्सी का फंदा लगाकर आत्महत्या की है। संभवत: कमजोर रस्सी होने के कारण टूट गई, जिससे शव जमीन पर मिला है। पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी है। मुरैना पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पाण्डे ने आरक्षक द्वारा आत्महत्या की घटना को दु:खद बताते हुये जांच में स्थिति साफ होने की बात कही है।
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यातायात कार्यालय परिसर में निर्मित एक कक्ष में चार आरक्षक निवास करते थे। रात में यह अकेला निकलकर स्टोर रूम में पहुंचा है। अपने सयन कक्ष की बाहर से कुंडी लगाकर बंद कर लिया वहीं घटना स्थल वाले कमरे का दरवाजा भी अंदर से बंद कर लिया था।