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पर्यटकों की हलचल से फिर गुलजार हो रहा छत्तीसगढ़, राज्य में लौटा पर्यटन कारोबार

रायपुर : कोरोना महामारी ने हर क्षेत्र पर व्यापक असर डाला था और आर्थिक तौर पर कमर तोड़कर रख दी थी, मगर अब जिंदगी पूरी तरह पटरी पर लौट चली है। छत्तीसगढ़ में पर्यटन कारोबार एक बार फिर गति पकड़ रहा है। बीते साल लगभग सवा करोड़ पर्यटकों ने राज्य के रमणीय स्थलों का भ्रमण किया। यह आंकड़ा वर्ष 2020 के मुकाबले लगभग तीन गुना है, मगर वर्ष 2019 के पर्यटकों के आंकड़ों से अब भी दूर है। कोरोना महामारी ने देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर डाला था, इससे छत्तीसगढ़ का पर्यटन भी अछूता नहीं था, मगर हालात बदलने के लिए राज्य सरकार की ओर से कारगर कदम बढ़ाए गए। इसी का नतीजा रहा कि महामारी के दौर से उबरने के बाद छत्तीसगढ़ में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2021 में भारतीय और विदेशी मिलाकर 1 करोड़ 15 लाख 32 हजार सैलानियों ने छत्तीसगढ़ का भ्रमण किया है।

राज्य के पर्यटन कारोबार पर गौर करें तो पता चलता है कि वर्ष 2020 में छत्तीसगढ़ में 35 लाख 772 देशी और 2322 विदेशी पर्यटक आए थे। वहीं वर्ष 2021 में यह बढ़कर एक करोड़ 15 लाख 32 हजार 586 देशी और 23 विदेशी पर्यटक आए। कुल मिलाकर एक करोड़ 15 लाख 32 हजार 606 पर्यटक राज्य के भ्रमण पर आए। वर्ष 2019 से अब भी पर्यटकों का आंकड़ा कम है, क्योंकि उस वर्ष 1 करोड़ 73 लाख से ज्यादा पर्यटक आए थे।

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छत्तीसगढ़ शासन ने कोरोना महामारी के दौर में पर्यटन विकास की गति को अवरूद्ध नहीं हो इसके प्रयास जारी रखे। लॉकडाउन के विभिन्न चरणों के दौरान पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के हर संभव प्रयास किए गए। इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की पर्यटन नीति 2020 तैयार की गई है। इस पर्यटन नीति के तहत मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ में पर्यटन विकास के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करना, ग्रामीण पर्यटन का विकास करना स्थानीय लोगों को गाइड ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत पर्यटन उद्योग से जोड़ना है ताकि पर्यटन विकास के सार्थक परिणाम मिल सके।

पर्यटकों के लिए होमस्टे की योजना पर कार्य किया जा रहा है, ताकि ग्रामीण अंचल और जनजाति समुदाय की जीवन शैली, परिवेश और स्थानीय खानपान से पर्यटकों को अनुभव प्राप्त हो सके। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना राम वन गमन पर्यटन परिपथ निर्माण के प्रथम चरण में नौ स्थलों का चयन कर विकास कार्यों हेतु भगवान राम के ननिहाल चंदखुरी और जांजगीर के शिवरीनारायण में विकास कार्य प्रारंभ किया जा चुका है।

छत्तीसगढ़ में लगभग 138 स्थल पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित हैं। पर्यटन के बहुआयामी क्षेत्र में विशेषकर जनजातीय अंचलों में स्थित चुनिंदा पर्यटन स्थलों में खान-पान एवं आवास की बेहतरीन सुविधायुक्त होटल, मोटल, रिसॉर्ट एवं रेस्टोरेंट का निर्माण कर पर्यटकों को सुविधाएं दी जा रही हैं। भारत के हृदय स्थल में स्थित छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तर में सतपुड़ा पहाड़ियों का उच्चतम भूभाग है तो मध्य में महानदी तथा उसकी सहायक नदियों का मैदानी भाग है। इसके दक्षिण में बस्तर का विस्तृत पठार है। छत्तीसगढ़ प्राचीन स्मारकों, दुर्लभ वन्य प्राणियों, नक्काशीदार मंदिरों, बौद्ध स्थलों, राजमहलों, जलप्रपातों, गुफाओं एवं शैलचित्रों से परिपूर्ण है। यहां ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक एवं प्राकृतिक पर्यटन स्थल हैं।

यहां राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य प्राणी अभ्यारण्यों के साथ-साथ गौरवशाली लोक संस्कृति का अद्वितीय उदाहरण भी है। बस्तर क्षेत्र में कुटुमसर गुफा एवं कांगेर घाटी, राष्ट्रीय उद्यान, चित्रकोट जलप्रपात महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है जो अपनी अद्भुत छटा के कारण पर्यटकों का दिल जीत रहे हैं।

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