Tokyo Paralympics: कृष्णा नागर ने गोल्ड मेडल जीत रचा इतिहास, भारत को मिला 5वां स्वर्ण पदक

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टोक्यो: टोक्यो पैरालंपिक में भारत पर जमकर सोने चांदी की बरसात हो रही है। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने टोक्यो पैरालंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखते हुए भारत की झोली में पांचवां स्वर्ण पदक डाल दिया। टोक्यो में रविवार को आखिरी दिन कृष्णा ने SH-6 कैटेगरी के फाइनल में हांगकांग के चू मान केई को हराकर गोल्ड पर कब्जा किया। कृष्णा ने केई को 21-17,16-2 ,21-17 से हराया।

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इससे पहले आज भारत को एक और रजत पदक मिला है। बैडमिंटन में नोएडा के डीएम सुहास यतिराज फाइनल मुकाबले में फ्रांस के खिलाड़ी लुकास मजूर से हार गए, लेकिन उन्होंने रजत पदक हासिल कर लिया। मुकाबला 3 सेट तक चला। सुहास ने पहला गेम 21-15 से जीता और इसके बाद दोनों गेम वो कड़े मुकाबले में हार गए। लुकास मजूर ने आखिरी दोनों गेम 21-15, 17-21 से जीता। इस पैरालंपिक में बैडमिंटन में ये भारत का चौथा पदक है। बता दें कि पैरालंपिक में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत ने अब तक टोक्यो पैरालंपिक में 19 पदक जीते हैं,जिसमें 5 स्वर्ण,8 रजत और 6 कांस्य पदक हैं।

पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतने वाले 8वें भारतीय बने कृष्णा

टोक्यो पैरालंपिक में कृष्णा से पहले प्रमोद भगत (बैडमिंटन), मनीष नरवाल (निशानेबाजी), सुमित अंतिल (भालाफेंक) और अवनि लेखरा (निशानेबाजी) भारत को गोल्ड दिला चुके हैं। टोक्यो पैरालंपिक में यह भारत का 5वां गोल्ड मेडल है। कृष्णा नागर पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतने वाले सिर्फ 8वें भारतीय खिलाड़ी हैं। यही नहीं राजस्थान के जयपुर के रहने वाले 21 वर्षीय कृष्णा नागर ने अप्रैल में दुबई में पैरा बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में दो स्वर्ण पदक जीते थे।पैरालंपिक खेलों में भारत को पहला गोल्ड मुरलीकांत पेटकर ने 1972 में दिलाया था। इसके बाद देवेंद्र झाझरिया ने एथेंस ओलंपिक 2004 और रियो ओलंपिक 2016 में भालाफेंक में भारत को गोल्ड दिलाया। वहीं रियो खेलों में मरियप्पन थंगावेलु ने ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीता था।

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