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नई दिल्लीः आज पूरी दुनिया में साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है। साक्षरता का महत्व इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस देश में जितनी प्रतिशत आबादी साक्षर होगी, वो देश उतनी ही तेजी से विकास की ओर अग्रसर होगा। साक्षरता के बिना सफलता पाना नामुमकिन है।
साक्षरता दिवस क्यों मनाते हैं –
कहते हैं बच्चे ही देश का भविष्य होते हैं। उन्हीं के हाथों में कल जिम्मेदारियों की बागडोर होगी। लेकिन वे तभी स्वंय, समाज व देश का कुशल नेतृत्व करने में सक्षम होंगे, जब वे साक्षर और शिक्षित होंगे। साक्षरता शिक्षा की ओर उनकी पहली सीढ़ी है। यही वजह है कि दुनिया में ज्यादा से ज्यादा लोगों को शिक्षा के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से यूनेस्को ने साक्षरता दिवस की शुरुआत की।
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इस दिन हुई थी शुरुआत –
यूनेस्को ने 1965 में साक्षरता दिवस मनाने की घोषणा की थी और 8 सितंबर का दिन इसके लिए तय किया गया था। इसके बाद से हर साल 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है। पहला साक्षरता दिवस 1966 में मनाया गया था।
इस साल की थीम-
यूनेस्को द्वारा हर साल विश्व साक्षरता दिवस पर एक थीम की भी घोषणा की जाती है, उसी थीम पर साक्षरता दिवस को मनाया जाता है। साक्षरता दिवस के लिए इस साल की थीम है – ट्रांसफाॅर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेस है।
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