कोलकाताः पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित TMC नेता मुकुल रॉय (Mukul Roy) अचानक घर से लापता हो गए हैं। वह कई दिनों से बीमार हैं और कई चीजें भूल जा रहे हैं। उनके बेटे और पूर्व विधायक शुभ्रांशु रॉय ने इस संबंध में पुलिस से संपर्क साधा है। उन्होंने बताया है कि सोमवार से सॉल्टलेक स्थित घर से वह लापता हुए हैं। सुधांशु रॉय ने उत्तरी 24 परगना के अपने रिहायशी इलाके बीजपुर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसके साथ ही उन्होंने उसी शिकायत की कॉपी एयरपोर्ट थाने को भी सौंपी है। सुधांशु ने दावा किया है कि दो लोग आए और मुकुल को अपने साथ ले गए। उसके बाद से पिता का कोई पता नहीं है।
ये भी पढ़ें..Sudan: सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल के बीच संघर्ष, अब तक 200 लोगों की गई जान
बेटे की शिकायत पर केस दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला है कि मुकुल रॉय (Mukul Roy) लापता नहीं हुए थे, बल्कि वो बिना किसी को बताए दिल्ली आ गए। हालांकि वो दिल्ली क्यों गए, इसका अभी पता नहीं चल पाया है। बेटे शुभ्रांशु का कहना है कि उन्हें पिता मुकुल रॉय की दिल्ली यात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने अपने दिल्ली सफर के बारे में न तो किसी को बताया है और न ही उनके साथियों ने किसी को बताया है। ऐसे में हम लोग परेशान हैं। शुभ्रांशु इस मामले में एयरपोर्ट पुलिस अधिकारियों के सामने शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस अब इस मामले में जांच कर रही है।
बताया जा रहा है कि कृष्णानगर उत्तर से भाजपा के टिकट पर जीतकर ममता बनर्जी की मौजूदगी में तृणमूल में लौटे मुकुल सोमवार रात दिल्ली गए हैं। उन्होंने किस कारण से दिल्ली की यात्रा की है, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। उनसे फोन पर भी संपर्क नहीं हो सका और न ही वह अपने बेटे से किसी तरह की बात कर पाए। बताया जा रहा है कि वह अपनी मर्जी से दिल्ली गए हैं। राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में बेटे का नाम आने के बाद से वे बेचैन थे और शायद इसीलिए वह दिल्ली गए हैं। आशंका यह भी जताई जा रही है कि चिकित्सा कारणों से वे दिल्ली गए।
गौरतलब है कि एक समय ममता के बेहद खास रहे मुकुल रॉय 2017 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। उसके बाद पांच साल तक ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी मुखर हमलावर रहे। 2021 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कृष्णानगर उत्तर सीट से बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी. हालांकि, पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद, वह 11 जून, 2022 को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में माफी मांगते हुए तृणमूल में लौट आए।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)