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Mahua Moitra: सांसदी के बाद महुआ का बंगला भी गया, नोटिस के बाद किया खाली

नई दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को दिल्ली हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। सांसदी जाने के बाद गुरुवार 18 जनवरी को मोइत्रा ने दिल्ली में आवंटित अपना सरकारी आवास भी खाली कर दिया है। कैश फॉर क्वेरी मामले में दोषी पाए जाने के बाद दिसंबर 2023 में उन्हें संसद से निष्कासित कर दिया गया था।

संपदा निदेशालय ने भेजा था बेदखली का नोटिस

हालांकि महुआ मोइत्रा के प्रतिनिधि के अनुसार, उन्होंने शुक्रवार सुबह 10 बजे तक बंगला पूरी तरह से खाली कर दिया था और उनके वकीलों ने कब्जा संपत्ति निदेशालय को सौंप दिया था। बता दें कि मंगलवार को संपदा निदेशालय (DoE) ने उन्हें बेदखली का नोटिस भेजा था। जिसके बाद महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सरकारी बंगला खाली करने के संपदा निदेशालय के नोटिस को चुनौती दी। ये भी पढ़ें..Ram Mandir: उज्जैन-अयोध्या का संबंध दो हजार साल पुराना, निमंत्रण ठुकराने वाले अभागे-सीएम मोहन यादव

महुा को कोर्ट से नहीं मिली राहत

लेकिन कोर्ट ने DoE द्वारा भेजे गए नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और उन्हें सरकारी बंगला खाली करने को कहा था। न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया ने कहा कि अदालत के समक्ष कोई विशेष नियम नहीं लाया गया है जो विधायकों के पद से हटने के बाद सांसदों को उनके सरकारी आवास से बेदखल करने से संबंधित हो। मोइत्रा को व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर उपहार स्वीकार करने और संसद की वेबसाइट का अपना यूजर आईडी और पासवर्ड उनके साथ साझा करने के लिए नैतिकता पैनल द्वारा "अनैतिक आचरण" का दोषी पाए जाने के बाद लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। पैनल के आधार पर जांच शुरू की गई थी भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दायर एक शिकायत पर, जिन्होंने मोइत्रा पर उपहार के बदले में व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)