तिरुपति प्रसादम मामलाः स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश सरकार ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट

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Tirupati Prasadam case, नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी की मिलावट पर आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है। शुक्रवार को जेपी नड्डा ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा कि डिजिटल मीडिया से जानकारी मिली है कि प्रसाद में पशु चर्बी और अन्य तामसिक पदार्थों की मिलावट पाई गई है। इस संबंध में हमने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से जानकारी मांगी है।

दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

इसके साथ ही प्रसाद में मिलावट की पुष्टि करने वाली लैब टेस्ट रिपोर्ट भी मांगी गई है। इसके अलावा स्थानीय खाद्य नियामक से भी प्रसाद मामले पर रिपोर्ट मांगी गई है। नड्डा ने कहा कि मामले की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार को रिपोर्ट का इंतजार

तिरुपति प्रसादम विवाद पर उन्होंने कहा, “मैंने आज इस मामले पर चंद्रबाबू नायडू से बात की है। मैंने उनसे जो रिपोर्ट है, उसे भेजने को कहा है। हम इसकी जांच करेंगे। एफएसएसएआई इसकी जांच करेगा। हम राज्य सरकार की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।” उन्होंने मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर अपने मंत्रालय के कामकाज की जानकारी देते हुए यह बयान दिया है।

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प्रसाद के लिए लड्डू कौन तैयार करता है?

तिरुपति मंदिर देश के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। हर साल यहां करीब तीन करोड़ श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं यानी हर दिन करीब 82 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं। करीब 3.50 लाख लड्डू तैयार किए जाते हैं। सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद के तौर पर लड्डू दिए जाते हैं। यह पूरी व्यवस्था समिति संचालित करती है, जिसका गठन आंध्र प्रदेश की राज्य सरकार हर दो साल में करती है। इस समिति का नाम तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम है। यह समिति प्रसाद के लिए लड्डू बनाने की सारी सामग्री खरीदती है। फिर इन लड्डुओं को इस समिति के स्वयंसेवकों द्वारा तिरुपति मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को पहले से तय कीमतों पर बेचा जाता है।

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