धर्मशाला: तिब्बती नववर्ष ‘लोसर’ इस बार 21 फरवरी से शुरू हो रहा है। लोसर को लेकर इस बार तिब्बती समुदाय में खासा उत्साह है। भारत और विदेशों में रह रहे तिब्बती समुदाय के लोगों ने पूरे जोश के साथ लोसर को लेकर तैयारियां की हैं। पिछले तीन वर्षों में कोविड की बजह से लोसर का रंग थोड़ा फीका रहा था लेकिन इस बार लोसर को मनाने में तिब्बती समुदाय कोई कसर नही छोड़ेगा। लोसर को लेकर धर्मगुरू दलाई लामा की नगरी मैकलोडगंज में भी तिब्बती समुदाय ने खास तैयारियां की हैं।
उधर, लोसर को लेकर 16वीं निर्वासित तिब्बती सरकार के सिक्योंग पेंपा सेरिंग सहित संसद अध्यक्ष खेनपो सोनम ने पारंपरिक तिब्बती नव वर्ष-लोसर 2150 की तिब्बती समुदाय को बधाई दी है। इस बार लोसर 2150 को वाटर-रैबिट के तौर पर घोषित किया गया है।
ये भी पढ़ें..भोपाल: नरोत्तम के निशाने पर दिग्विजय, पीसी शर्मा ने किया
निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री (सिक्योंग) पेंपा सेरिंग ने तिब्बती कैलेंडर के 2150वें वर्ष के अवसर पर सभी को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि तिब्बत के अंदर और तिब्बत के बाहर रह रहे सभी तिब्बती एक नई उम्मीद के साथ नए साल में प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि आज मुख्य रूप से परम पावन दलाई लामा के नेतृत्व और दूरदर्शी दृष्टि के कारण हम पिछले 63 वर्षों में उनके द्वारा किए सभी कार्यों के कारण जीवित हैं।
सिक्योंग ने कहा कि दाई लामा ने भी हमें अपने लिए नहीं, बल्कि मानवता और विशेष रूप से तिब्बतियों के हित के लिए लंबा जीवन जीने की इच्छा के बारे में कई आश्वासन दिए हैं। हमें उनके मार्गदर्शन का पालन करके किसी भी गतिविधि पर उनके नेतृत्व, उनके शब्दों और उनके विचारों का पालन करना होगा। चाहे वह चीन-तिब्बत संघर्ष को हल करने के बारे में हो या चाहे वह तिब्बत के कल्याण के बारे में हो।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)