हेल्थ

डॉक्टरों के बनाये इस खास यंत्र से अब आसान होगा थायराइड का ऑपरेशन

thyroid (1)
thyroid

मुंबई: थायराइड (thyroid) की बीमारी की चपेट में इन दिनों कई लोग आ रहे हैं। मुंबई के बहुचर्चित जेजे अस्पताल के डॉक्टरों ने इस बीमारी का आधुनिक तोड़ ढूंढा है। अस्पताल के सर्जनों ने थायराइड (thyroid) को नष्ट करने के लिए एक विशेष यंत्र की खोज की है। इस छोटे से यंत्र से सर्जरी न केवल सरल होगी बल्कि बेहद सुरक्षित होगी।


इस उपकरण को मोर्सलेटर नाम दिया गया है। इस शोध को अस्पताल प्रशासन की तरफ से पेटेंट किए जाने की भी तैयारी शुरू कर दी गई है। अस्पताल के जनरल सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने सबसे छोटे मोर्सलेटर नामक मेडिकल डिवाइस की खोज की है। इसका इस्तेमाल लेप्रोस्कोपिक (न्यूनतम इनवेसिव) सर्जरी के दौरान इस्तेमाल किया जानेवाला है। यह चिकित्सा उपकरण सर्जरी के दौरान ऊतक को छोटे टुकड़ों में काटने के लिए उपयोग किया जाएगा। इससे छोटे चीरे वाली जगह से इन टुकड़ों को आसानी से निकाला जा सकेगा।

ये भी पढ़ें..छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाई गई परशुराम जयंती, गाजे-बाजे के साथ...


जनरल सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. अजय भंडारवार के अनुसार चिकित्सा साहित्य में अभी तक थायराइड मोर्सलेटर के इस्तेमाल का कोई उल्लेख नहीं है। थायराइडेक्टोमी के जरिए गर्दन के सामने स्थित तितली के आकार की थायराइड ग्रंथि के सभी या एक हिस्से को शल्य चिकित्सा द्वारा हटाया जाता है। आम सर्जरी के दौरान गर्दन पर सात सेंटीमीटर का चीरा लगाया जाता है। इसके विपरीत लेप्रोस्कोपिक रूट में एक सेंटीमीटर से कम तीन चीरों की आवश्यकता होती है। हालांकि इन छोटे चीरों के माध्यम से ऊतकों को हटाना एक समस्या है। शरीर के अन्य हिस्सों पर सर्जरी करते समय चीरों को दो सेंटीमीटर से थोड़ा बड़ा किया जा सकता है, जबकि गर्दन पर यह आसान नहीं है।

डॉ. अमोल वाघ के अनुसार सामान्य मोर्सलेटर का व्यास 15 मिमी है, जबकि हमारा मोर्सलेटर 10 मिमी का है। थायराइड मोर्सलेटर प्रोजेक्ट पर खोज बीते एक साल से चल रही थी। मोर्सलेटर उपकरण को हमने 7 मिमी तक बनाने की कोशिश की थी लेकिन वह प्रयास सफल नहीं हुआ।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)