13 सालों में सर्वाधिक गर्म रहा गुरुवार, 42 डिग्री चढ़ा पारा

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महराजगंज: चिलचिलाती धूप ने दिन की गर्मी को बढ़ा दिया है। गुरुवार का दिन 13 वर्षों में सर्वाधिक गर्म रहा। जिससे जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। मौसम वैज्ञानिक डॉ जी. चंद्रा के अनुसार राजस्थान से होते हुए पछुआ हवाएं चल रही हैं। अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पहुंचने से सृष्टि आफत में है। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2011 से वर्ष 2022 तक अधिकतम तापमान 36 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है, जबकि इस वर्ष 20 अप्रैल को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।

जंगल के वन्य जीव भी परेशान

आलम यह है कि जंगल की सीमा से सटे आबादी वाले गांव में पानी की तलाश में वन्य जीव भी पहुंच रहे हैं। इससे वनों के किनारे बसे गांवों में अनहोनी की आशंकाएं बढ़ गयीं हैं। फिलहाल, ऐसे इलाकों के लोग सतर्कता बरत रहे हैं।

जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कहा कि गर्मी को देखते हुए एडवाइजारी जारी कर दी गयी है। स्कूल समय में भी परिवर्तन हुआ है। लोगों को दिन में कम से कम निकलने की सलाह दी जा रही है। स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर रखने के निर्देश दिये गये हैं।

इधर, कृषि वैज्ञानिक डॉ वीरेन्द्र कुमार की मानें तो पड़ रही भीषण गर्मी से जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित है। रोजमर्रा के काम काज सुबह 09 बजे और शाम 05 बजे के बीच पूरी तरह से ठप है। पशु पक्षी भी बेचैन हैं। ताल-तलैया व पोखरे जल विहीन हैं। आवारा पशु, पक्षी सभी प्यास से तड़प रहे हैं। फसलें भी झुलसने लगीं हैं। किसानों को अपने खेतोँ की सिंचाई पर ध्यान देने की जरूरत है।

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चिकित्सक डॉ मनोज जैन का कहना है कि हीटवेब की हालत है। इसलिए बचाव के प्रबंध जरूरी हैं। पानी का सेवन लगातार करते रहें। बच्चों को स्कूल भेजते समय उनकी सुरक्षा के प्रबंध जरूर करें। बहुत जरूरी होने पर ही दिन में घर से बाहर निकलें।

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