Saturday, January 18, 2025
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छत्तीसगढ़ में आरक्षण बचाने को सड़क पर उतरा आदिवासी समाज, बंद रहीं दुकानें

कोण्डागांव: छत्तीसगढ़ राज्य में आदिवासियों के आरक्षण में किसी प्रकार की कटौती न करने की मांग पर सोमवार को नगर बंद का आह्वान कर एक विशाल रैली निकाली गई। सर्व आदिवासी समाज कोण्डागांव के द्वारा पूर्व में तय आरक्षण बचाओ आंदोलन एवं नगर बंद आह्वान के समर्थन में सोमवार को कोण्डागांव के सभी व्यपारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बंद के दौरान सभी आपातकालीन सेवाएं जैसे दवाई की दुकान, दूध दही, पेट्रोल पंप, स्वास्थ्य सेवाओं और यातायात सेवाएं सुचारू रूप से चलते रहे।

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32 प्रतिशत आरक्षण बचाओं आंदोलन में शामिल होने सुबह से आदिवासी समुदाय के लोग जिला मुख्यालय के चौपाटी मैदान में जमा होने लगे थे और नगर बंद को सफल बनाने सुबह से ही आदिवासी युवा बाइक रैली निकाल पूरे नगर का चक्कर लगा रहे थे। दोपहर होते-होते हजारों की संख्या में एक विशाल जनसमूह चौपाटी में जमा हो गया, जिसे सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने सम्बोधित किया। जिसके बाद आदिवासी का यह विशाल जनसमूह रैली की शक्ल में चौपाटी मैदान से निकलकर मुख्य मार्ग होते हुए जिला कार्यालय पहुंचा। जहां पर मुख्य द्वार पर पुलिस बेरिकेटिंग की वजह से हल्की झूमाझटकी भी देखने को मिली, लेकिन सब कुछ शांति से निपटता रहा और इसी बीच सर्व आदिवासी समाज द्वारा आरक्षण को यथावत 32 प्रतिशत रखने की मांग का ज्ञापन सौंपा गया।

आरक्षण बचाओ आंदोलन में मौके पर मौजूद सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बंगाराम सोढ़ी ने बताया कि उच्च न्यायालय बिलासपुर के द्वारा 19 सितम्बर 2022 को दिए गए फैसले के अनुसार छग राज्य आरक्षण अध्यादेश 2012 अमान्य हो गया है, जिससे संभवतः 20 प्रतिशत हो जाने की संभावना है। इस फैसले से छग राज्य में आदिवासी समुदाय को शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश तथा शासकीय सेवा की नई नियुक्तियों एवं पदोन्नतियों में जनसंख्या अनुरूप प्रावधान 32 प्रतिशत आरक्षण प्रभावित होगा। इस संबंध में आदिवासी समुदाय के समस्त समाज प्रमुखों की संयुक्त बैठक आदिवासी भवन रायपुर में आयोजित की गई थी, जिसमें सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ कि छ.ग. शासन आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण बहाल अध्यादेश नहीं लाते हैं तो समाज चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होगा। जिसके प्रथम चरण में सोमवार को बंद का आह्वान कर रैली निकाली गई।

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