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देसी टमाटर के रंग में रंगे बाजार, अधिक पैदावार के कारण खूब हो रही बिक्री

लखनऊः इस बार देसी टमाटर की भरमार है। किसानों ने इसे बड़े पैमाने पर लगा रखा है। बाजार में दस से बीस रूपए तक देसी टमाटर बिक रहा है। इसकी खेप बराबर बनी हुई है। देसी टमाटर की भरमार के चलते टमाटर के बिचैलियों को भी कमाने का मौका नहीं मिल रहा है। पिछले महीने मौसम खराब होने से आशंका जताई गई थी कि टमाटर के दाम काफी बढ़ सकते हैं। हालांकि, उन दिनों बाहर से लाया गया टमाटर भी बीस रूपए किलो बिक रहा था। दुबग्गा और आलमबाग की मंडी में थोक रेट दस रूपए ही था। किसानों ने सर्दी के मौसम में जो पौधे लगाए थे, वह बारिश के दौरान बचे रहे। अब उन पौधों से टमाटर मिलने लगा है। किसान वैज्ञानिकों ने भी आशंका जताई थी कि टमाटर की फसल पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिपरसंड, हरौनी और जैतीपुर से अमौसी और मानक नगर रेल स्टेशन पर रोज कई क्विंटल टमाटर आ रहा है। हालांकि, इसमें ज्यादातर देसी ही है। ये भी पढ़ें..डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने किया पैथोलाॅजी लैब का लोकार्पण, बोले-… यदि मौसम का मिजाज सही रहा तो किसानों को बड़ा फायदा होने वाला है। वह सीधे शहर की मंडियों तक अपनी फसल पहुंचाते रहेंगे और आढ़तियों तथा एजेंटों की तूतू-मैंमैं से भी बचते रहेंगे। बताया जा रहा है कि पूर्वांचल के कुछ जिलों में टमाटर की पैदावार काफी हुई है। वहां दस रूपए में इसे बेचा जा रहा है। लखनऊ में हर साल बड़े पैमाने पर पूर्वांचल का टमाटर खपाया जाता था, लेेकिन इस बार यहां अच्छी पैदावार होने के कारण बाहरी टमाटर की खरीद नहीं हो पा रही है। बिचैलियों की तमाम कोशिशों के बाद भी यहां लोग देसी टमाटर खूब पसंद कर रहे हैं। इन दिनों यह वाजिब रेट पर मिल भी रहा है, इसलिए बाहरी टमाटर को ज्यादा मौका नहीं मिल पा रहा है। - शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)