जयपुरः राजस्थान के झालावाड़ जिले के सुनेल कस्बे के रंजा चौक में रहने वाली एक महिला की मौत के बाद उसके परिजनों की सूचना पर न तो प्रशासन ने उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध कराई और न ही कोरोना गाइडलाइन के अनुसार शव का अंतिम संस्कार किया गया। इंतजार करते-करते जब एंबुलेंस नहीं आई तो आखिर में मृतक महिला के दो बेटों को ठेले पर अपनी मां का शव रखकर अंतिम संस्कार के लिए मोक्ष धाम तक ले जाना पड़ा।
मृतक महिला के पुत्र दिनेश कुमार ने बताया कि अनकी माता अपर्णा सुशांतो उम्र 50 वर्ष की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने तथा सांस में तकलीफ होने के कारण उन्हें 30 अप्रैल को कोविड सेंटर ढाबला खींची में भर्ती करवाया गया था। इसी दौरान दिनेश के मामा भी वही एडमिट थे जिनकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। भाई के आकस्मिक निधन को देखकर मां ने अपने बच्चों से घर ले जाने को कहा। इस दौरान परिवारजन अपर्णा सुशांतो को घर पर ले आए थे। जहां अपर्णा सुशांतो की मृत्यु हो जाने पर पुलिस प्रशासन तथा चिकित्सा विभाग से एंबुलेंस मांगे जाने पर सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई, जिसके चलते परिवारजन ठेला गाड़ी पर शव को बाजार तथा गलियों में निकालते हुए श्मशान तक ले गए।
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इस बारे में जब ब्लॉक सीएमएचओ डॉ अंकुर सोमानी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि महिला को कोविड सेंटर में उसके परिजन 2 मई को छुट्टी करवाकर कर घर लेकर गए थे। कोविड सेंटर में किसी संक्रमित मरीज की मौत होने पर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शव को श्मशान पहुंचाया जाता है व पूरी गाईडलाइन के तहत शव को पैक करवाकर अंतिम संस्कार कराया जाता है।